पंजाबी गानों में गन कल्चर, ड्रग कल्चर और कम कपड़े पहनने वाली मॉडलों का सभ्याचार युवाओं को गुमराह कर रहा है। हाल ही में एक नया गीत ‘तस्कर’ म्यूजिक चैनलों पर ट्रेंड कर रहा है, जिसमें हथियार, ड्रग्स और अभद्र भाषा को पेश किया गया है। यह कहना है एडवोकेट सुनील मल्लन का। उनका कहना है कि खुद सरकार, पुलिस और चैनल इस पर ध्यान क्यों नहीं देते। आप ऐसे गाने चलाने बंद क्यों नहीं करते। ऐसे गायकों और गीतकारों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती।उन्होंने गीत के गायक बराड़, संगीतकार, फतेह करण, माही शर्मा, वाणी, प्रेम चाहल, मनीष कुमार, समीर चरेगांवकर, डी.जे. टीम, पोस्टर मेकिंग टीम, सी.ई.ओ./एम.डी. इस गीत को ऑफ स्पॉटिफाई, एपल म्यूजिक, विंक, रेसो और यू-ट्यूब चैनल्स पर प्रमोट करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान, डी.जी.पी. गौरव यादव और एस.एस.पी. मोहाली ने केस दर्ज करने की मांग की है।
सुनील ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पिछले कुछ सालों से पंजाबी गीतों में गन कल्चर, ड्रग्स, डबल मीनिंग और अश्लील भाषा और मॉडल्स के छोटे कपड़े पहनने का चलन काफी हद तक बढ़ गया है। इसे देखकर और सुनकर युवा पीढ़ी भटक रही है। वर्तमान समय में युवा ऐसे गीतों और संगीत से इतने प्रभावित हो रहे हैं कि वे उनके पदचिन्हों पर चलने की राह पर हैं। युवा नशे और हथियारों में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। ऐसे ही चलता रहा तो देश की युवा पीढ़ी भटक जाएगी जिसके चलते ऐसे गानों पर बैन लगना चाहिए।
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने गन कल्चर को रोकने के लिए नया फरमान जारी किया है। सार्वजनिक समागमों, धार्मिक स्थलों, शादी समारोहों या किसी अन्य कार्यक्रम में हथियार ले जाना और उनका प्रदर्शन करने की मनाही है। सोशल मीडिया पर हथियारों के प्रदर्शन पर भी वैन है। इसके अलावा आने वाले दिनों में अलग-अलग इलाकों में औचक निरीक्षण किया जाएगा। हिंसा और हथियारों को बढ़ावा देने वालों पर पूरी तरह पूर्ण प्रतिबंध रहेगा लेकिन इसके बावजूद जगह-जगह गीत चल रहे हैं।