गुजरात: सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई और पोषण के बीच संतुलन बनाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने मुख्यमंत्री पौष्टिक अल्पाहार योजना (मुख्यमंत्री पौष्टिक नाश्ता योजना) शुरू करने की घोषणा की है, जिसके तहत राज्य के सरकारी स्कूलों के 41 लाख छात्रों को रोज़ाना पौष्टिक नाश्ता दिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देना है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने यह घोषणा करते हुए कहा, “यह योजना ‘सुपोषित गुजरात मिशन’ के तहत लॉन्च की जा रही है और इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ता उपलब्ध कराना है, ताकि उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो सके।” उन्होंने इस पहल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पढ़ाई भी, पोषण भी’ कार्यक्रम के तहत एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इस योजना के अंतर्गत, गुजरात राज्य के 32,277 सरकारी और अनुदान प्राप्त प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के सभी छात्रों को स्कूल में पहुंचने से पहले पौष्टिक नाश्ता परोसा जाएगा। योजना के तहत छात्रों को चना चाट, मिक्स बीन्स, सुखड़ी और बाजरा (श्री अन्न) से बने खाद्य पदार्थ दिए जाएंगे, जो उनकी सेहत के लिए फायदेमंद होंगे। गुजरात सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का फायदा राज्य के कुल 32,277 सरकारी और अनुदान प्राप्त स्कूलों के छात्रों को मिलेगा। इन स्कूलों में बालवाटिका से लेकर कक्षा 8 तक के छात्र शामिल हैं। यह योजना बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना के तहत हर छात्र को स्कूल के काम शुरू होने से पहले प्रार्थना के समय नाश्ता मिलेगा, जिससे उन्हें पूरे दिन की पढ़ाई के लिए ऊर्जा मिलेगी। इस नाश्ते में पोषक तत्वों का खास ध्यान रखा गया है, जिससे बच्चों का शारीरिक विकास तेजी से हो सके।

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