Delhi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन विदेशी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर नए टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है। प्रस्तावित नियम के तहत उन डिवाइस पर शुल्क लगाया जाएगा, जिनकी लागत का बड़ा हिस्सा चिप सामग्री पर आधारित है। इस कदम का उद्देश्य कंपनियों को अमेरिका में अधिक उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करना है।वाणिज्य विभाग ने इस योजना पर आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन व्हाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने कहा कि अमेरिका अपनी राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा से जुड़े सेमीकंडक्टर उत्पादों के लिए विदेशों पर निर्भर नहीं रह सकता। उन्होंने बताया कि प्रशासन टैरिफ, टैक्स छूट और नियमों में ढील जैसी नीतियों के जरिये उत्पादन को देश के भीतर वापस लाना चाहता है। योजना लागू होने पर टूथब्रश जैसे छोटे उपकरणों से लेकर लैपटॉप तक कई उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत बढ़ सकती है। अर्थशास्त्री माइकल स्ट्रेन का मानना है कि यह कदम अमेरिकी महंगाई को और बढ़ा सकता है।ट्रंप प्रशासन पहले ही ब्रांडेड दवाओं पर 100% और भारी ट्रकों पर 25% टैरिफ लगा चुका है। इस वर्ष अप्रैल में फार्मास्यूटिकल्स और सेमीकंडक्टर आयातों पर जांच भी शुरू की गई थी, ताकि विदेशी निर्भरता कम की जा सके। रिपोर्टों के अनुसार जापान और यूरोपीय संघ से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स पर 15% और अन्य देशों से आने वाले चिप-आधारित उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने का विचार किया जा रहा है।

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