
जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में श्री शनिदेव महाराज जी के निमित्त निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान राजन शर्मा से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन ,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित प्रभु भक्तों को बाबा सोढल मेले की शुभकामनाएं व प्रवचनों से निहाल करते हुए कहा कि परमात्मा के बारे में ब्याख्यान करते हुए कहा कि निष्ठा हमेशा एक में रखो। जैसे वृक्ष की जड़ में हम पानी डालते हैं, ऊपर पत्ते भी हरे होते हैं। फूल भी आते हैं फल भी आते हैं। जरा हम लोग गौर से देखें। वृक्ष में सैकड़ों डालियां होती हैं, अरबों पत्ते होते हैं। करोड़ों फूल होते हैं, लाखों फल होते हैं। परंतु जड़ तो उसकी एक ही है। इसलिए मन को परमात्मा के चरणों में लगाओ सभी को फल मिल जाएगा। इस दुनिया में परमात्मा एक ही है। जैसे सोना एक ही है लेकिन उससे एक से बढक़र एक सुंदर और अलग-अलग आभूषण बनाए जाते हैं। इसी प्रकार एक ही परमात्मा सब जगह अलग-अलग रूपों में पूजे जाते हैं।
नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि ईश्वर निरगुण निराकार होकर भी भक्तों की भावना के अधीन होकर सगुण साकार बन जाता है। भक्त की भावना के अनुसार ईश्वर को रूप बनाना पड़ता है। जैसे भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए एवं हिरणाकश्यप को मारने के लिए नर सिंह रूप धारण करना पड़ा। इसलिए परमात्मा का नाम और रूप कोई निश्चित नहीं है। समय अनुसार जैसे रूप और नाम की आवश्यकता पड़ती है। धर्म की रक्षा करने ईश्वर को वैसा ही रूप धारण करना पड़ता है। अर्थात भगवान को किसी भी रूप में पुकारा जाए भगवान उसी रूप में पृथ्वी पर अवतार लेते हैं। ईश्वर एक ही है।
इस अवसर पर अजीत कुमार, राकेश प्रभाकर,पूनम प्रभाकर ,सरोज बाला, समीर कपूर,अनू अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल ,अमरेंद्र कुमार शर्मा,प्रदीप,नरेश,कोमल,जगदीश डोगरा, ऋषभ कालिया,रोहित भाटिया,बावा जोशी,राकेश शर्मा,सौरभ मरवाहा संजीव ,कमल नैयर सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।