एच.एम.वी. के साइंस स्टूडैंटस प्रगति पथ पर अग्रसर
हंसराज महिला महाविद्यालय, जालन्धर उत्तरी भारत की
गौरवान्वित संस्था है जो शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशिष्ट वर्चस्व
रखती है। संस्था विस्तृत संख्या में श्रेष्ठ आधारभूत संरचना,
श्रेष्ठ टैक लैब तथा इनोवेटिव शिक्षण पद्धति के साथ विज्ञान के
क्षेत्र में शिक्षा व रोजगार की वैश्विक आवश्यकताओं के साथ
विभिन्न कोर्स उपलब्ध करवाती है। बी.एस.सी. (मैडीकल), बी.एस.सी.
(नान मैडीकल), बी.एस.सी.. (बायोटैक्नॉलोजी), बी.एस.सी.
(मैडीकल/नान मैडीकल विद बायोइन्फोरमैटिक),बी.एस.सी.
(मैडीकल विद बायोटैक्नालोजी), बी.एस.सी. (कम्प्यूटर साइंस विद
फि•िाक्स / कैमिस्ट्री), पोस्ट ग्रैजुएशन के अन्तर्गत एम.एस.सी. बॉटनी,
कैमिस्ट्री, बायोइन्फॉरमैटिक, मैथेमैटिक एवं फिजिक्स इत्यादि
कोर्स संस्था करवाती है। संस्था कम्यूनिटी कॉलेज अधीन एक वर्षीय
डिप्लोमा इन मैडीकल लैब टैक्नालजी एवं आर्गेनिक फार्मिंग भी
करवा रही है। संस्था 95 प्रतिशत या इससे अधिक बोर्ड परीक्षा
में प्राप्त अंक वाले छात्रों को स्नात्तक कोर्स में पूर्ण फ्रीशिप
का प्रवेश देकर प्रोत्साहित कर रही है। विश्वविद्यालय में स्थान
प्राप्ति / माता पिता विहीन छात्र / आर्थिक स्तर पर कमजोर
छात्राओं को भी कॉलेज की ओर से विशिष्ट कन्सैशन दिया जा
रहा है तथा एक करोड़ के लगभग (सरकारी व गैर-सरकारी)
स्कॉलरशिप प्रत्येक वर्ष प्रदान किए जाते हैं।
ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट छात्राएं योग्य अध्यापकजनों के
दिशा-निर्देशन में विभिन्न रिसर्च प्रोजैक्ट करते हैं तथा
विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय कान्फ्रैंस में अपने नव-कार्य को
प्रदर्शित करते हैं। रैगुलर गैस्ट लैक्चर, एक्सपैरिमैंटल
वर्कशॉप, नैशनल व इंटरनैशनल सैमिनार, फिल्ड वल्र्ड,
स्टडी टूरस, इंडस्ट्रीयल वि•िाटस, इन्ट्रैक्शन विद
साईनसटिस्ट एवं लर्निंग थरो एक्सपेरिमैंट – साइंस की छात्राओं
को विश्लेषणात्मक कौशल प्रदान करता है। उच्च योग्यता प्राप्त
अध्यापकगण छात्राओं का सम्पूर्ण विकास करने हेतु पूरे वर्ष
विभिन्न प्रकार की बहुसंख्यक क्रियाएं करवाते हैं। साईंस
विभाग के कई पूर्व छात्राएं भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में
भी मैक्स प्लैन्क्स इंस्टीट्यूट, जर्मनी, बी.ए.आर.सी. मुंबई,
जे.एन.यू. दिल्ली, आई.एच.बी.टी. पालमपुर एवं सरकारी सैक्टर
में उच्च पदों पर कार्यरत हैं।
प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन जी ने अपने वक्तव्य में
कहा कि हमारा लक्ष्य छात्राओं को वैज्ञानिक रूप में पूर्ण
जिम्मेदार बनाना है ताकि वह आलोचनात्मक रूप से अपने
वातावरण व समाज के बारे में सोचने हेतु सक्षम बन सके तथा समाज
व देश के कल्याण में अपना सम्पूर्ण योगदान दे सकें।