हंसराज महिला महाविद्यालय के इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सैल द्वारा सस्टेनेबल लिविंग थ्रू एनशियंट विजडम विषय पर लेक्चर का आयोजन किया गया। बतौर रिसोर्स पर्सन सुश्री मीनल वर्मा, आर्किटेक्ट उपस्थित थी। मीनल वर्मा प्रोफेशन से आर्टिटेक्ट हैं परंतु पैशन से वह पर्यावरण प्रेमी हैं। सीनियर फैकल्टी डॉ. नवरूप कौर व आईक्यूएसी कोआर्डिनेटर डॉ. आशमीन कौर ने प्लांटर भेंट कर उनका स्वागत किया। सुश्री मीनल ने प्रतिभागियों को बताया कि वेस्ट प्रबंधन बहुत उपयोगी है जिमसें कपोस्टिंग शामिल है। उन्होंने प्रतिभागियों को सलाह दी कि सब्जियों के छिलके जानवरों को खिला देने चाहिए। फलों के छिलकों को बायोएन्जाइम बनाने के लिए प्रयोग करना चाहिए। जिसको बनाने के लिए 1 हिस्सा गुड़, 3 हिस्से फलों के छिलके तथा 10 हिस्से पानी के लिए प्रयोग करना चाहिए। सुश्री मीनल ने बताया कि पेड़ों के सूखे पत्तों को मिट्टी में ही मिला देना चाहिए ताकि पौधों को और पोषण मिल सके। उन्होंने कपोस्ट के सही प्रयोग पर भी जानकारी देते हुए कहा कि कपोस्ट सूखी होनी चाहिए ताकि फंगस का खतरा न हो। प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने बताया कि इस प्रकार के लेक्चर समय की जरूरत है ताकि सभी को सस्टेनेबल लिविंग के लिए जागरूक किया जा सके। मंच संचालन डॉ. अंजना भाटिया ने किया।
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