
हंसराज महिला महाविद्यालय, जालन्धर में प्राचार्या (डॉ. श्रीमती) एकता खोसला के संरक्षण में स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग की ओर से गुरू तेग बहादुर जी के 350 वें शहीदी दिवस को समर्पित गुरू नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के निर्देशानुसार विस्तारक संभाषण का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुय वक्ता के रूप में डॉ. तनूजा तनु (पत्रकार, वरिष्ठ सपादक, पंजाब केसरी) उपस्थित रही। सर्वप्रथम प्राचार्या जी द्वारा उनका ग्रीन प्लान्टर व स्मृति चिन्ह भेंटकर हार्दिक अभिनंदन किया गया। उन्होंने कहा कि हमारा सिक्ख इतिहास सामाजिक समानता, न्याय, वीरता एवं बलिदान जैसे मूल्यों को धारण किए है। गुरू नानक देव विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई यह श्रृंखला वास्तव में विशेष महत्व रखती है। यह आयोजन छात्राओं को हमारे सिक्ख इतिहास से परिचित करवाने में सहायक सिद्ध होंगे।
डॉ. तनूजा तनु ने अपने वक्तव्य में गुरू तेग बहादुर जी की शहादत पर विचार प्रस्तुत करते कहा कि हिन्द की चादर गुरू तेग बहादर जी ने धार्मिक स्वतन्त्रता और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए बलिदान दिया। उनका बलिदान मानव अधिकारों की रक्षा के लिए सिक्ख इतिहास में ही नहीं बल्कि विश्व इतिहास में अपना विशेष महत्व रखता है। उनका यह बलिदान धर्म और न्याय की एक मिसाल है उन्होंने हिन्दी साहित्य में उनकी वाणी के महत्व पर भी चर्चा की। हिन्दी विभागाध्यक्षा डॉ. ज्योति गोगिया ने भी गुरू तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित इस श्रृंखला की सराहना करते बताया कि हिन्दी साहित्य में गुरू जी का विशेष स्थान है। वह एक कवि और दार्शनिक थे। उनके भक्तिपूर्ण काव्य का हिन्दी साहित्य में विशिष्ट स्थान है। इस अवसर पर कु. दामिनी (एम.ए. प्रथम वर्ष हिन्दी) एवं. कु. मुस्कान (बी.ए. प्रथम वर्ष) की छात्राओं ने गुरू तेग बहादुर जी पर कविताएं प्रस्तुत कर उनकी शहादत को नमन किया। इस अवसर पर हिन्दी विभाग से श्रीमती पवन कुमारी, डॉ. दीप्ति धीर, पंजाबी विभाग से डॉ. मनदीप कौर एवं इतिहास विभाग से श्रीमती प्रोतिमा मंडेर उपस्थित रही।