
चंडीगढ़: सार्वजनिक क्षेत्र के एन.एच.ए.आई ने कहा कि वाहनों की विंडस्क्रीन पर सही ढंग से फास्टैग न लगाने वाले चालकों को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डालने से जुड़ी प्रक्रिया को मजबूत किया है। एन.एच.ए.आई. ने फास्टैग को ठीक से न लगाने यानी ‘लूज फास्टैग’ की वजह से सुचारू टोल संचालन में आने वाली परेशानियों को कम करने के लिए यह कदम उठाया है।’लूज फास्टैग’ का मतलब ऐसे फास्टैग से है जो वाहन की विंडस्क्रीन पर सही तरीके से चिपकाया नहीं गया है, बल्कि चालक के पास हाथ में है या किसी ऐसी जगह पर रखा गया है जहां से उसे आसानी से स्कैन नहीं किया जा सकता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) ने कहा कि वार्षिक पास प्रणाली और मल्टी-लेन फ्री फ्लो (एम.एल.एफ.एफ.) टोलिंग जैसी आगामी पहलों को देखते हुए फास्टैग की प्रामाणिकता और प्रणाली की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए ‘लूज फास्टैग’ मुद्दे को हल करना अहम है।