एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग टेक्निकल कैंपस, जालंधर के उद्यमिता विकास सेल (ईडीसी) ने विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया। सत्र का उद्देश्य युवा मन को अपनी दिनचर्या में पढ़ने की आदत के रूप में विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना था। ईडीसी के छात्र-समन्वयकों ने एक सत्र का आयोजन किया जिसमें उन्होंने पठन के महत्व पर प्रकाश डाला। आठ समन्वयकों- श्वेता, शिवानी, रोहन, अनुज, सारांश, रिया, सिमरन सोखी, रूपिंदर की टीम ने एक अद्भुत प्रस्तुति प्रस्तुत की जिसमें उन्होंने किताबें पढ़ने के प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने आईकेआईजीएआई, द 5 एम क्लब, एटॉमिक हैबिट्स, द पावर ऑफ सबकॉन्शियस माइंड, थिंक एंड ग्रो रिच, लाइफ के अमेजिंग सीक्रेट्स जैसी कुछ बहुत अच्छी किताबों से सबक भी साझा किए जो प्रतिभागियों को एक अलग लीग में ले जाएंगे। छात्रों ने इन पुस्तकों के महत्वपूर्ण विचारों को भी साझा किया और बताया कि कैसे ये पुस्तकें जीवन की गुणवत्ता को बदलने में मदद कर सकती हैं।
यह एक संवादात्मक सत्र था जिसमें कुछ उत्साही पाठकों ने पुस्तक पढ़ने के अपने प्रेरक अनुभव साझा किए। समन्वयकों ने प्रकाशन और कॉपीराइट के महत्व पर भी ज्ञान साझा किया।
इसके बाद प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया जिसमें सभी प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। डॉ. पूजा भंडारी, संयोजक ईडीसी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए सत्र का समापन किया कि कैसे अच्छी किताबें पढ़ने से उन्हें मानसिक और आध्यात्मिक दोनों तरह से मदद मिली। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि छात्रों को पढ़ने के लिए वापस आना चाहिए और न केवल अपने फोन पर व्यस्त रहना चाहिए।
डॉ राजेश बग्गा, निदेशक एआईएमईटीसी ने सभी छात्र समन्वयकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने छात्रों को इस तरह की पाठ्येतर गतिविधियों में अधिक भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि यह उनके समग्र विकास के लिए बेहतर है।
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