एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्टस जालंधर में 7 दिनों के लिए चल रहे एनएसएस कैंप ‘सप्तवरण’ का पांचवा दिन ‘कनेक्टिंग विद आवर रूटस’ को समर्पित रहा। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने आज के इस विषय विशेष को समर्पित एनएसएस कैंप के विषय में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी एवं इंटरनेट के इस दौर में आज की युवापीढ़ी न केवल अपनी मूलभूत जड़ों से कट रही है बल्कि उन्हें अपने पौराणिक कथाओं एवं पात्रों की जानकारी भी न के बराबर है।इसलिए एनएसएस कैंप में एक विशेष दिवस समर्पित किया गया ताकि वह अपने माइथॉलजी से जुड़ते हुए अपनी समृद्ध पौराणिक कथाओं को जानते हुए आज के जीवन में उसकी प्रासंगिकता को भी समझ सके। पांचवें दिन कैंप की शुरुआत हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ अंजना कुमारी द्वारा दिए गए व्याख्यान ‘महाभारत न होती यदि! विषय से की गई। डॉ अंजना ने जहां एक तरफ महाभारत के मुख्य पात्रों का परिचय विद्यार्थियों को दिया वहां दूसरी तरफ महाभारत का युद्ध होने के मूलभूत पात्रों की प्रतिज्ञाओं पर भी प्रकाश डाला कि अगर वे उस समय व्यक्तिगत प्रतिज्ञा को छोड़कर देशहित को प्राथमिकता देते तो फिर शायद महाभारत न होती। इस व्याख्यान के दौरान विद्यार्थियों से इस विषय पर चर्चा पर परिचर्चा भी की गई और महाभारत उन्हें क्या सिखाती है इस पर भी प्रश्न किए गए जिनका विद्यार्थियों ने बहुत उत्साह से जवाब दिया। एनएसएस कैंप के विद्यार्थियों में लोककल्याण की भावना का संचार करते हुए लोहड़ी मनाने के लिए पिंगला घर भी गए जहां पर उन्होंने वहां के बच्चों को लोहड़ी की मिठाइयां चॉकलेट एवं चिप्स भी बांटे। एनएसएस विंग द्वारा कॉलेज में भी टीचर्स एवं विद्यार्थियों के साथ लोहड़ी का त्यौहार मनाया गया। डॉ ढींगरा ने एनएसएस कैंप के पांचवें दिन के सफलतापूर्वक आयोजन करने के लिए एनएसएस विंग की डीन डॉ सिम्की देव की प्रयासों की भरपूर सराहना की।
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