एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स (एसीएफए), जालंधर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें 2 अप्रैल से 5 अप्रैल, 2025 तक होने वाले आगामी 6वें राजेश्वरी कला महोत्सव और स्वर्ण जयंती समारोह की सफलता के लिए ईश्वर से आशीर्वाद मांगते हुए हार्दिक प्रार्थना की गई।

अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. सुनीत कौर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राजेश्वरी कला महोत्सव जैसे ऐतिहासिक समारोहों की भव्यता की झलक पेश की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक और कलात्मक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला होगी, जो कला और विरासत को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो मूल रूप से संस्थापक अध्यक्ष डॉ. सत्यपॉल जी द्वारा निर्धारित एक दृष्टिकोण है।

भारत की समृद्ध कलात्मक परंपराओं को प्रदर्शित करने वाली विशेष कला और शिल्प वर्कशॉप्स इस कला महोत्सव का प्रमुख आकर्षण होंगी। इस वर्कशॉप में प्रतिभागियों को भारत के सदियों पुरानी कला- रूपों में शामिल होने का दुर्लभ अवसर मिलेगा जिसमें वरली आर्ट, गोंड आर्ट , मिनिएचर पेंटिंग, मधुबनी पेंटिंग, पिपली, पॉटरी, टेराकोटा मूर्तियां, फुलकारी, ब्लॉक प्रिंटिंग और लकड़ी की जड़ाई के काम शामिल होंगे। इस वर्कशॉप्स में शामिल होने का सभी को खुले तौर पर निमंत्रण है। जो विशेषज्ञ कारीगरों से अनुभव और सीखने का अनूठा अवसर प्रदान करेंगी।
इसके अलावा इस कला महोत्सव में‌ शास्त्रीय संगीत और नृत्य प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाएँगी, जो प्रतिभाशाली युवाओं को अपने कौशल का प्रदर्शन करने और नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र जीतने का एक मंच प्रदान करेंगी। एक अन्य प्रमुख आकर्षण इंटर स्टेट क्राफ्ट मेला है, जहाँ ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बनारस आदि सहित पूरे भारत के विभिन्न कारीगर, क्षेत्रीय हस्तशिल्प, परिधान और कलाकृतियाँ प्रदर्शित और बेचने के लिए स्टॉल लगाएँगे।
साथ ही एक संगीतमयी कार्यक्रम में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित और प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी द्वारा लाइव परफॉर्मेंस होगा, जो अपनी भावपूर्ण प्रस्तुतियों से उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर देंगी। एपीजे के इतिहास में पहली बार, एक विशेष पेंटिंग एग्जीबिशन आयोजित की जाएगी, जिसमें कलाकृतियाँ बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी। प्रदर्शनी से प्राप्त आय को दान में दिया जाएगा, जिससे समाज सेवा के प्रति कॉलेज की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।

इस भव्य समारोह में एपीजे एजुकेशन, एपीजे सत्या एंड स्वर्ण ग्रुप की अध्यक्ष, एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की चांसलर श्रीमती सुषमा पॉल बर्लिया, एपीजे एजुकेशन की जॉइंट सेक्रेटरी नेहा बर्लिया शामिल होंगी जो इस अवसर को और भी गौरवान्वित करेंगी।

प्रिंसिपल डॉ. नीरजा ढींगरा ने आज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इन समारोहों के ऐतिहासिक महत्व पर जोर दिया और उन्होंने विद्यार्थियों को वर्कशॉप्स, प्रतियोगिताओं और क्राफ्ट मेले में सक्रिय रूप से भाग लेने और अपने परिवार और दोस्तों को कॉलेज के इस शानदार कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया, उन्होंने कहा जिस ललित कलाओं की संरक्षण एवं संवर्धन की जिस सोच के साथ राजेश्वरी कला संगम की नींव रखी गई थी एपीजे कॉलेज 50 वर्षों की अपनी स्वर्णिम यात्रा में इस सोच को लेकर आगे बढ़ रहा है और निश्चित रूप से भविष्य में भी कॉलेज अपनी परंपरा को कायम रखेगा।

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