जालंधर: एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में होम साइंस विभाग द्वारा विश्व प्रसिद्ध न्यूट्रिशन एक्सपर्ट एवं पब्लिक हेल्थ एडवोकेट रुजुता दिवेकर को स्वस्थ जीवन जीने के लिए पौष्टिक भोजन के महत्व पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए ऑनलाइन आमंत्रित किया गया डॉक्टर सुचारिता शर्मा ने रुजुता दिवेकर जी का अभिनंदन करते हुए कहा कि यह हमारे लिए परम सौभाग्य की बात है ईट लोकल थी का ग्लोबल एवं दादी नानी की रसोई में बनने वाले खाने को विश्व में मान्यता दिलाने वाली प्रतिष्ठित न्यूट्रीशनिस्ट आज हमारे साथ है  कोविड-19 की स्थिति में घर के खाने का महत्व और भी बढ़ गया है और ऐसे में अगर कोई स्वस्थ रहने के लिए लोकल खाने के गुणों को हमारे सामने उजागर करे तो यह निश्चित रूप से हर उम्र के लोगों के लिए प्रेरणादाई एवं राह दिखाने वाला होगा मैडम मोनिका एवं डॉ मनीषा शर्मा ने ऑनलाइन वेबीनार का सफलतापूर्वक संचालन करते हुए मैडम रुजुता दिवेकर से पूछा कि कामकाजी महिलाओं के लिए 30 वर्ष के बाद अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए क्या खान-पान होना चाहिए कुछ उम्र के बाद काफी लोग मोटापे की समस्या से ग्रस्त हो जाते हैं उस से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है हमें हमारे रसोई घर में किन बर्तनों का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल डॉ सुनीता ने पूछा कि आप देसी घी खाने को प्रेरित करती हैं क्या इससे कोई नुकसान नहीं होता हर दो 2 घंटे बाद खाना सही है या फिर लंबे अंतराल के बाद खाना चाहिए तो इन सभी प्रश्नों का उत्तर देते हुए रुजुता दिवेकर ने कहा कि दिन की शुरुआत मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट से करनी चाहिए से नाश्ते में पराठा से काम पर जाते हुए लस्सी या शरबत पर दोपहर का भोजन शाम को दूध और रात को साधारण हल्का फुल्का खाना शरीर को तंदुरुस्त रखता है अनियमित खानपान व्यायाम समय पर तू ना और जंक फूड एवं कोल्ड्रिंक से दूरी आपको मोटापे से दूर रख सकती है दादी नानी के द्वारा बताए गए बर्तन लोहे का तवा लोहे की कड़ाही पीतल के बर्तन का एवं मिट्टी के बर्तन हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है घर से बने हुए देसी घी में आपको हर तरह के मिनरल्स प्राप्त हो जाते हैं उसका कोई नुकसान नहीं है हमें अपने शरीर की मांग के हिसाब से खाना धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए वही शरीर को और मन को तंदुरुस्त रखेगा उन्होंने कहा कि भारतीय परिवारों में पुरुषों को सोई घर से दूर ही रखा जाता है उन्हें भी किचन में पारंपरिक खाना बनाने में साथ देना चाहिए अगर घर में पारंपरिक खाना अच्छे ढंग से बनता रहेगा तो वह निश्चित रूप से बच्चों को जंक फूड से दूर रखेगा और वे स्वास्थ्य रहेंगे मैडम मोनिका आनंद ने मैडम रुजुता दिवेकर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि निश्चित रूप से आपके द्वारा बताए गए खानपान के तरीके से सभी लाभान्वित होंगे

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।