एपीजे स्कूल महावीर मार्ग, जालंधर में संस्थापक डॉ. सत्यपाल जी की 106वीं जयंती ‘संस्थापक दिवस’ के रूप में पूरे श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। यह आयोजन एपीजे एजुकेशन की चेयरपर्सन, को-फाउंडर एवं चांसलर एपीजे सत्य यूनिवर्सिटी तथा प्रेसिडेंट एपीजे सत्य एवं स्वर्ण ग्रुप सुश्री सुषमा पॉल बर्लिया जी के आशीर्वाद से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ गायत्री मंत्र के उच्चारण तथा प्रिंसिपल श्री यशपाल शर्मा, वाइस प्रिंसिपल श्रीमती आरती शोरी भट्, शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों द्वारा सेठ सत्यपाल जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इसके पश्चात विद्यार्थियों ने डॉ. सत्यपाल जी के प्रिय भजनों का सुंदर प्रस्तुतीकरण किया। कार्यक्रम में छात्रों ने योग का प्रदर्शन किया तथा मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर सभी का दिल जीत लिया।
इस अवसर पर हर वर्ष की भांति इस बार भी विद्यार्थियों को उनके अनुकरणीय योगदान के लिए डॉ. सत्यपाल पुरस्कार प्रदान किए गए। मिडिल स्तर में जसनूर कौर और मोइशा शर्मा, सेकेंडरी स्तर में स्पर्श पुरी तथा सीनियर सेकेंडरी स्तर में लावण्या गुप्ता और सावनी शर्मा को सम्मानित किया गया।
प्रिंसिपल श्री यशपाल शर्मा ने विद्यालय की प्रेसिडेंट सुश्री सुषमा पॉल बर्लिया जी का संदेश पढ़कर सुनाया और सेठ सत्यपाल जी की विचारधारा एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “हम अपने सपनों को तभी साकार कर सकते हैं जब हम निरंतर परिश्रम करें।” उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कवि हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता ‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ का वाचन किया।
उन्होंने कहा कि सेठ सत्यपाल जी न केवल महान स्वप्नद्रष्टा थे बल्कि उन्हें साकार करने वाले कर्मयोगी भी थे। उनका जीवन समर्पण, निष्ठा और परिश्रम का अनुपम उदाहरण है।
सभागार में उपस्थित अभिभावकों ने भी अपने विचार सांझा करते हुए विद्यालय की सराहना की और कहा कि विद्यालय में विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो रहा है। कार्यक्रम के दौरान डॉ. सत्यपाल जी के प्रेरणादायी जीवन से संबंधित एक वीडियो भी प्रदर्शित की गई।
समारोह का समापन वाइस प्रिंसिपल श्रीमती आरती शोरी भट् के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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