एपीजे स्कूल महावीर मार्ग जालंधर के प्रांगण में अपनी कर्मनिष्ठ, प्रतिभावान सुश्री सुषमा पॉल बर्लिया जी (चेयरपर्सन, एपीजे एजुकेशन, को फाउंडर एंड चांसलर, एपीजे सत्य यूनिवर्सिटी, चेयरपर्सन एंड प्रेसिडेंट, एपीजे सत्य और स्वर्ण ग्रुप, चेयरपर्सन-एपीजे सत्य एजुकेशन रिसर्च फाऊंडेशन) के सकारात्मक कुशल नेतृत्व और आशीर्वाद के साथ हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्कूल के संस्थापक सेठ सत्यपाल जी के जन्मदिन की 105वीं वर्षगांठ को ‘संस्थापक दिवस’ के रूप में पूरे आदर और सम्मान के साथ मनाया गया।
स्कूल में हर साल 4 अक्टूबर को सेठ सत्यपाल जी की स्मृति में डॉ. सत्यपाल पुरस्कार विभिन्न आयु वर्ग के विद्यार्थियों को उनके अनुकरणीय योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती संगीता निस्तन्द्रा ने शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों के साथ मिलकर सेठ सत्यपाल जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मिडिल, सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्तर के विद्यार्थियों को डॉ. सत्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस दौरान मिडिल स्तर में तनिष्ठा राय, सेकेंडरी स्तर में अर्शिया महाजन तथा मनस्वी मित्तल को तथा सीनियर सेकेंडरी स्तर में मनवीर सिंह तथा अर्शिया चोपड़ा को सत्यपाल अवार्ड दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत गायत्री मंत्र के उच्चारण और ‘रघुपति राघव राजा राम’ भजन की प्रस्तुति से हुई। विद्यार्थियों ने योग किया और ‘सोरिंग हाई इज़ माय नेचर’ गीत पर सुंदर नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रिंसिपल श्रीमती संगीता निस्तन्द्रा जी ने विद्यालय की प्रेसिडेंट सुषमा पॉल बर्लिया जी का संदेश पढ़ कर सुनाया तथा सेठ सत्यपाल जी की विचारधारा और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम अपने सपनों को तभी साकार कर सकते हैं जब हम निरंतर परिश्रम करें। सेठ सत्यपाल जी ने न केवल महान सपने देखे बल्कि उन्हें साकार करने के लिए कठोर परिश्रम भी किया। वे वास्तव में एक महान व्यक्तित्व थे।
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