
एपीजे स्कूल, मॉडल टाउन, जालंधर ने अपने शिक्षको के लिए “सकारात्मक दृष्टिकोण” पर एक विचारोत्तेजक और सशक्त सेमिनार आयोजित किया। समृद्ध सत्र का संचालन गतिशील और दूरदर्शी प्रधानाचार्य डॉ. राजेश कुमार चंदेल जी ने किया।
सेमिनार में व्यक्तिगत और व्यावसायिक सफलता दोनों को आकार देने में सकारात्मक मानसिकता की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया गया। डॉ. चंदेल जी ने सकारात्मक और नकारात्मक दृष्टिकोण के परिभाषित लक्षणों के बारे में विस्तार से बताया, शिक्षकों को आत्मनिरीक्षण करने और अपने भीतर ऐसे लक्षणों की पहचान करने के लिए प्रोत्साहित किया। वास्तविक जीवन के उपाख्यानों, संवादात्मक चर्चाओं और विचार-उत्तेजक प्रतिबिंबों का उपयोग करते हुए, उन्होंने आत्म-जागरूकता, भावनात्मक लचीलापन और निरंतर आत्म-सुधार के मूल्य पर जोर दिया। उनके सत्र ने सभी उपस्थित लोगों के लिए सकारात्मकता को जीवन में अपनाने के लिए एक मार्गदर्शक रूप में कार्य किया। यह सेमिनार एपीजे एजुकेशन सोसाइटी की अध्यक्षा श्रीमती सुषमा पॉल बर्लिया के प्रेरक नेतृत्व और दूरदर्शिता के तहत आयोजित किया गया था, जिनकी समग्र शिक्षा और मूल्य-संचालित विकास के प्रति प्रतिबद्धता संस्था के मानकों को लगातार ऊपर उठाती रहती है। इस तरह की पहल के लिए उनका अटूट समर्थन न केवल शैक्षिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने पर सोसाइटी के जोर को दर्शाता है। यह शिक्षकों के व्यक्तिगत विकास और भावनात्मक कल्याण पर भी जोर देते हैं।
इस कार्यक्रम ने अध्यापकों को प्रेरित किया, जिससे उनमें अपने छात्रों और साथी शिक्षकों के लिए एक सकारात्मक वातावरण बनाने की नई भावना पैदा हुई।