दिल्ली: रोजमर्रा के इस्तेमाल का सामान बनाने वाली प्रमुख कंपनियों जैसे एचयूएल और विप्रो ने पामतेल की कीमतों में हुई भारी वृद्धि के चलते साबुन की कीमतों में 7-8% की बढ़ोतरी की है। पामतेल जो साबुन बनाने का एक प्रमुख कच्चा माल है, की कीमतों में 35-40% तक इजाफा हुआ है, जिससे कंपनियों को अपने मार्जिन बचाने के लिए यह कदम उठाना पड़ा। पामतेल, चाय, और अन्य कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के चलते ग्राहकों को आवश्यक वस्तुओं के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।विप्रो कंज्यूमर केयर के सीईओ नीरज खत्री ने बताया, “साल की शुरुआत से साबुन के कच्चे माल की कीमतों में 30% से अधिक वृद्धि हुई है। इसका प्रभाव संतुलित करने के लिए सभी प्रमुख कंपनियों ने कीमतें बढ़ाई हैं।” विप्रो के लोकप्रिय ब्रांड संतूर भी इस बढ़ोतरी से प्रभावित हुए हैं।चाय की कीमतें भी मौसम की अनिश्चितताओं के कारण बढ़ी हैं, जिससे उपभोक्ताओं का घरेलू बजट प्रभावित हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, अन्य कंपनियां भी जल्द ही कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं।

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