
दिल्ली : भारत में कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिर रही हैं। मौजूदा समय में क्रूड ऑयल की कीमत 5561 रुपये प्रति बैरल तक आ गई है, यानी लगभग 35 रुपये प्रति लीटर! लेकिन हैरानी की बात ये है कि देश के कई शहरों में पेट्रोल अब भी 100 रुपये से ऊपर और डीजल 90 रुपये के पार बिक रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है—जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कीमतें इतनी गिर गई हैं तो आम जनता को इसका फायदा क्यों नहीं मिल रहा जानकारों की मानें तो भारत अब कच्चा तेल 69.39 डॉलर प्रति बैरल की दर से खरीद रहा है, जबकि पिछले साल यही दर 89.44 डॉलर प्रति बैरल थी। यानी एक साल में कीमतों में 22 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास की धीमी रफ्तार और टैरिफ वॉर के चलते आने वाले समय में कच्चा तेल और भी सस्ता हो सकता है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिष्ठित फाइनेंशियल फर्म गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि 2025 के शेष महीनों में कच्चे तेल की कीमत घटकर 63 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकती है। वहीं, खाड़ी देशों के संगठन OPEC ने भी भविष्य की मांग को लेकर अपने अनुमान घटा दिए हैं।