कनाडा : कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार इमिग्रेशन को लेकर सख्त हो गई है। भारत के विद्यार्थियों सहित 7 लाख विदेशी विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में है। कनाडा में 2025 के अंत तक करीब 50 लाख अस्थायी परमिट समाप्त होने वाले हैं। ऐसे में कनाडा के इमिग्रेशन अधिकारियों को उम्मीद है कि परमिट खत्म होने के बाद ज्यादातर प्रवासी कनाडा छोड़ देंगे। कनाडा इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने इस सप्ताह की शुरुआत में बताया कि 50 लाख परमिट समाप्त होने वाले है। इसमें से 7 लाख परमिट विदेशी विद्यार्थियों के हैं। जिन्हें ट्रूडो सरकार की प्रवासी विरोधी नीतियों के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

अस्थायी वर्क परमिट आमतौर पर 9 महीने से 3 साल की अवधि के लिए जारी किए जाते हैं। ये वर्क परमिट कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवेदन करने के लिए आवश्यक अनुभव प्राप्त करने के लिए डिप्लोमा या डिग्री वाले विदेशी छात्रों को जारी किए जाते हैं। मिलर ने कहा है कि बड़ी संख्या में छात्र कनाडा में रहने के लिए आवेदन कर रहे हैं, जो चिंताजनक है। इसलिए वह इन आवेदनों की सख्ती से जांच करेंगे और फर्जी आवेदकों को बाहर करेंगे। इस साल अगस्त से पंजाब के छात्र विदेशी छात्रों के प्रति कनाडा की बदलती नीति के खिलाफ ब्रैम्पटन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन छात्रों का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि देश में उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा

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