चंडीगढ़, 11 जनवरी ( ) : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य तथा वरिष्ठ नेता हरजीत सिंह गरेवाल ने कनाडा की ट्रूडो सरकार की नई वीजा व पीआर नीति, जिसके चलते करीब 5 लाख पंजाबी छात्रों का भविष्य अंधकार में डूबता नजर आ रहा है, को लेकर केन्द्रीय विदेश मंत्री जय एस. शंकर को पत्र लिखकर इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कनाडा सरकार से बात करने तथा उपयोगी कदम उठाने की मांग की है।
हरजीत सिंह गरेवाल ने कहा कि ट्रूडो सरकार की नई वीजा व पीआर नीति के चलते 5 लाख पंजाबी युवाओं का भविष्य़ अधर में लटक गए हैं। यह सब कुछ ट्रूडो सरकार की नई नीति की वजह से हुआ। नई नीति के तहत स्टडी परमिट और परमानेंट रेजिडेंसी नॉमिनेशन की संख्या को काफी सीमित कर दिया गया। इन नीतियों का सबसे अधिक प्रभाव पंजाबी मूल के युवकों पर पड़ा है। वह पंजाबी नौजवान अपने जीवन में एक आस लगाकर बैठे थे कि पढ़ाई खत्म करने के उपरांत कनाडा में नागरिकता प्राप्त करेंगें और अपने परिवार को एक अच्छा भविष्य दे पाएंगें। लेकिन, पूर्व प्रधानमंत्री ट्रूडो की सरकार की नीतियों ने उनकी सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। कनाडा सरकार की नई नीति के चलते छात्रों व पीआर की उम्मीद लगाए बैठे लोगों के अरबों रुपए डूब जाएंगें।
गरेवाल ने कहा कि ताजा आंकड़ों में कनाडा में 5 लाख युवाओं पर निर्वासन का खतरा मंडरा रहा है। अप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा का बैकलॉग पिछले कुछ महीनों में लगातार बढ़ रहा है। 4 नवंबर को जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर, 2024 तक बैकलॉग में 1,097,000 आवेदन पेंडिग थे। जिसमें 40 फीसदी के करीब पंजाबी मूल के लोगों के हैं। इन फाइलों को क्लीयर नहीं किया जा रहा है। दिक्कत यह है कि एक तरफ वर्क वीजा एक्सपायर होने जा रहा है और दूसरी तरफ सरकार पीआर की फाइल को क्लीयर नहीं कर रही है। अब पंजाबी युवाओं के समक्ष 2 ही विकल्प शेष हैं, या तो वह अवैध रूप से कनाडा में छिपकर अपना जीवन व्यतीत करें या फिर कनाडा छोड़कर भारत आ जाएं।
हरजीत सिंह गरेवाल ने कहा कि कुछ युवाओं ने कनाडा से अमेरिका रुख करना शुरू कर दिया है। पिछले एक वर्ष में 46 हजार से अधिक कनाडा से अमेरिका का बॉर्डर क्रॉस करते युवक पकड़े गए हैं, जो कि बहुत चिंता पैदा करने वाला आंकड़ा है। कनाडा के विभिन्न प्रांतों, जैसे प्रिंस एडवर्ड आइलैंड, ओंटारियो, मैनिटोबा, और ब्रिटिश कोलंबिया में छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 2025 में 50 लाख परमिट समाप्त होने वाले है। इसमें से 7 लाख परमिट विदेशी विद्यार्थियों के हैं। जिसमें भारी संख्या पंजाबी मूल के युवाओं की है। ट्रूडो सरकार की नीतियों के कारण छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सरकार रोजाना नियम सख्त कर रही है। हरजीत सिंह गरेवाल ने विदेश मंत्री से मांग की कि छात्रों व पीआर की उम्मीद लगाए बैठे लोगों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कनाडा सरकार से बातचीत कर इस मामले को जल्द से जल्द हल करवाने का प्रयास करें।