करनाल: 28 अगस्त को किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में हरियाणा के करनाल में जिला मुख्यालय तक प्रदर्शन के लिए किसान अनाज मंडी में इकट्ठे हुए हैं. वहां पर अभी तनाव की स्थिति बनी हुई है. करनाल में जिला मुख्यालय तक विरोध मार्च की अनुमति को लेकर किसानों और अधिकारियों के बीच बातचीत विफल हो गई है. बताया जा रहा है कि मिनी सचिवालय की तरफ कूच कर रहे किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.

स्वराज इंडिया प्रमुख योगेंद्र यादव नै जानकरी हुए कहा कि हरियाणा पुलिस ने उनके और भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत सहित कई किसान नेताओं को हिसात में ले लिया है.

करनाल अनाज मंडी में हुई महापंचायत में मंच पर मौजूद राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी बैठक में शामिल थे. किसानों ने योजना बनाई थी कि महापंचायत के बाद वे प्रदर्शन करेंगे और करनाल जिला मुख्यालय का ‘अनिश्चित काल तक घेराव’ करेंगे.

लेकिन जिले के अधिकारियों ने कहा है कि वे किसानों को यह प्रदर्शन नहीं करने देंगे और सैकड़ों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 10 सहित 40 कंपनियों को बुलाया गया है और अनाज मंडी के पास तैनात किया गया है. पड़ोसी जिलों से आने की कोशिश कर रहे किसानों को भी रोक दिया गया है.

करनाल सहित पांच जिलों में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा बड़ी सभाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. एनएच-44 पर यातायात जिले से गुजरने वाले इलाकों से डायवर्ट कर दिया गया है. न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, सुरक्षा उपायों के तहत कैमरे से लैस ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा.

मिली जानकरी  के मुताबिक, सोमवार को हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने किसानों से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने को कहा था, साथ ही उन्होंने कहा था कि ‘हमने सभी जरूरी इंतजाम कर लिए हैं.’

किसान नेता गुरनाम सिंह चादुनी ने किसानों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने को कहा थासुत्रो के हवाले से पता चला हे ‘हम शांतिपूर्ण तरीके से महापंचायत करेंगे. हमें संदेश मिला है कि पुलिस हमें मंडी में इकट्ठा होने की अनुमति देगी. आगे का कदम महापंचायत में तय किया जाएगा.

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने 28 अगस्त को लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी की अपनी मांग के समर्थन में आज के विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था.

मोर्चा ने किसानों के खिलाफ ‘क्रूर’ पुलिस कार्रवाई की निंदा की थी. जब किसानों ने राज्य भाजपा प्रमुख ओपी धनखड़ के काफिले को रोकने की कोशिश की थी तो बस्तारा टॉल प्लाजा के पास उन पर लाठीचार्ज किया गया था. किसानों ने करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ भी हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है, जो कथित तौर पर पुलिस को किसानों के “सिर तोड़ने” के लिए कहते हुए कैमरे में कैद हो गए थे. ‘किसानों का खून’ बहाए जाने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जमकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था.

सोशल मीडिया पर शेयर किए गए विजुअल्स में विचलित करने वाली तस्वीरें दिखाई दे रही हैं. कई किसानों के सिर से खून बहते हुए तस्वीरें सामने आई थी. इसके बाद किसानों ने सड़कें और हाईवे जाम कर दिए थे.

आज की महापंचायत यूपी के मुजफ्फरनगर में किसानों के भारी संख्या में इकट्ठा होने के एक दिन बाद बुलाई गी है. किसान नेताओं ने दावा किया कि 15 राज्यों के किसानों ने बैठक में हिस्सा लिया, और इससे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों, खेत मजदूरों और उनके समर्थकों की शक्ति का एहसास होगा.

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