भीषण गर्मी और कोयले की कमी के चलते देश में बिजली संकट गहराता जा रहा है. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश, इन 12 राज्यों में लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है. भारत में पिछले हफ्ते 623 मिलियन यूनिट बिजली की शॉर्टेज हुई है. यह पूरे मार्च महीने में हुई शॉर्टेज से ज्यादा है.

थर्मल प्लांट में कोयले की कमी से राज्यों को बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. लगातार बढ़ती गर्मी के चलते बिजली की मांग भी बढ़ती जा रही है, ऐसे में थर्मल प्लांट पर और ज्यादा दबाव पड़ रहा है. इसके अलावा कुछ राज्यों द्वारा कोयला कंपनियों को भुगतान में देरी की वजह से भी कोयला आपूर्ति प्रभावित हुई है.

भारत में गुरुवार को बिजली की मांग 201 गीगावाट तक पहुंच गई. वहीं, इस दौरान देशभर में 8.2 गीगावाट की कमी भी दर्ज की गई. बताया जा रहा है कि आने वाले समय में भारत में बिजली संकट और गहरा सकता है. झारखंड सबसे ज्यादा बिजली संकट का सामना कर रहा है. झारखंड में कुल बिजली डिमांड में से 17.3% शॉर्टेज हुई. एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि झारखंड में कोयले की कमी के पीछे की वजह कोल कंपनियों के भुगतान में देरी है. यहां तक कि झारखंड कोयले के पुराने बिल को भी नहीं चुका रहा है. वहीं, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में 11.6% शॉर्टेज रही. इसके अलावा राजस्थान को 9.6%, हरियाणा को 7.7%, उत्तराखंड को 7.6%, बिहार को 3.7% बिजली शॉर्टेज का सामना करना पड़ रहा हैदेश के बिजली संकट पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, रूस से गैस की आपूर्ति ठप हो गई है. हालांकि, थर्मल पावर प्लांट में 21 मिलियन टन कोयले का स्टॉक है. जो दस दिन के लिए काफी है. कोल इंडिया को मिलाकर भारत के पास कुल 30 लाख टन का स्टॉक है. ये 70 से 80 दिन का स्टॉक है. हालांकि, वर्तमान स्थिति स्थिर है.

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