नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी दलों के बीच जमकर नारेबाजी जारी है. इन सबके के बीच, बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने वोटरों को चौकन्ना रहने की सलाह देते हुए कहा था कि केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के जवान गांवों में लोगों को डराने-धमकाने पहुंच सकते हैं. चुनाव आयोग से नोटिस मिलने के बाद बनर्जी ने कल कहा था कि वह सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं को बांटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ आवाज उठाती रहेंगी और चुनाव आयोग चाहे तो उन्हें 10 कारण बताओ नोटिस भेज दे, लेकिन इससे वह अपना रुख नहीं बदलेंगी. बता दें कि हुगली जिले के बालागढ़ में गुरुवार को जनसभा को संबोधित करते हुए ममता ने आरोप लगाया कि केंद्रीय बल ‘अमित शाह द्वारा संचालित केंद्रीय गृह मंत्रालय’ के निर्देशों पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के प्रति सम्मान रखती हूं, लेकिन वे दिल्ली के निर्देशों पर काम कर रहे हैं. वे मतदान वाले दिन से पहले ग्रामीणों पर अत्याचार करते हैं. कुछ तो महिलाओं का उत्पीड़न कर रहे हैं. वे लोगों से भाजपा के लिए वोट करने को कह रहे हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे को केंद्रीय बलों के ‘विरुद्ध’ भाषण देने के लिए चुनाव आयोग ने फिर भेजा नोटिस भेजा है. चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को अपने भाषण पर शनिवार 11 बजे तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. चुनाव आयोग ने कहा कि उनका भाषण आचार संहिता के कई धाराओं के साथ कानून का उल्लंघन है. चुनाव आयोग ने नोटिस में ममता के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें वो कह रही हैं कि केंद्रीय बल वोटरों को मतदान करने से रोक रहे हैं.