कन्या महा विद्यालय (स्वायत्त) ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के कीटविज्ञान
विभाग के प्रोफेसर डॉ प्रदीप कुमार छुनेजा द्वारा एपिकल्चर की क्षमता और संभावनाएं पर
एक ई-टॉक का आयोजन करवाया। ई-टॉक का आयोजन पीजी डिपार्टमेंट ऑफ जूलॉजी द्वारा
किया गया कार्यक्रम में 100 से अधिक विद्यार्थियों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग
लिया। डॉ छुनेजा ने अपने व्याख्यान की शुरुआत एपिकल्चर के परिचय के साथ की और
उनकी विविधता, वितरण और जीवन चक्र के बारे में जानकारी दी। वक्ता ने इस तथ्य पर
प्रकाश डाला कि मधुमक्खी पालन अत्यधिक फायदेमंद है, इसमें कम प्रारंभिक निवेश, कम
समय और नगण्य खर्च शामिल है। डॉ. छुनेजा ने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि पंजाब
देश का सबसे बड़ा शहद निर्यातक राज्य है, जिसके 47 देश इसके गुणवत्तापूर्ण उत्पाद के
उत्सुक आयातक हैं। उन्होंने भारत में मधुमक्खी पालन में उभरती समस्याओं पर भी चर्चा
की और विभिन्न मधुमक्खी उत्पादों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। प्राचार्य प्रो.(डॉ. अतिमा
शर्मा द्विवेदी ने सफलतापूर्वक आयोजन के लिए पीजी जूलॉजी विभाग के प्रयासों की सराहना
की।

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