भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, इंडिया टुडे मैगजीन के बेस्ट कॉलेजेस सर्वेक्षण 2020 तथा आउटलुक
मैगजीन के सर्वेक्षण में से टॉप नेशनल एवं स्टेट रैंकिंग प्राप्त, महिला सशक्तिकरण की सीट, कन्या
महाविद्यालय, जालंधर के द्वारा टीचिंग-लर्निंग स्किल्स को बढ़ाने के मकसद के साथ ऑनलाइन फैकेल्टी
डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन करवाया गया. विद्यालय प्रिंसिपल प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने इस प्रोग्राम में
बतौर स्रोत वक्ता शिरकत करते हुए किसी भी विद्यार्थी के जीवन में अध्यापक के अहम रोल को विस्तार सहित
बयान किया. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने बदलते समय के साथ विद्यार्थी एवं अध्यापक के रिश्ते में आए
बदलाव के बारे में बात की और साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में
अध्यापक की भूमिका और भी अधिक बढ़ जाती है. अध्यापन प्रक्रिया को चुनौतीपूर्ण परंतु दिलचस्प बताते हुए
उन्होंने प्रत्येक अध्यापक को अपने प्रोफेशन के प्रति ईमानदार तथा समय के पाबंद रहने के साथ-साथ पूरी
निष्ठा एवं समर्पण के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया. आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के
भविष्य को संवारने में एक अध्यापक के द्वारा प्रदान किया जाता ज्ञान सबसे बड़ा रोल अदा करता है तथा
इसलिए यह ज़रूरी है कि प्रत्येक अध्यापक अपने उच्च आचरण के साथ विद्यार्थियों का सही अर्थों में आदर्श बने.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक विद्यार्थी में एक विलक्षण प्रतिभा है तथा इस प्रतिभा को निखारने,
संवरने एवं उचित मंच प्रदान करने के लिए समय-समय पर एकेडमिक तथा को- एकेडमिक गतिविधियों का
आयोजन करने के साथ-साथ उन्हें इन गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए तथा ऐसी
चुनौतीपूर्ण स्थिति में जब हर एक विद्यार्थी अपने घर बैठकर अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए प्रयत्नशील है
वहीं ऐसे आयोजनों का महत्व और भी बढ़ जाता है. इसके साथ ही उन्होंने कन्या महाविद्यालय के समूह
प्राध्यापक वर्ग के द्वारा संस्था के गुणवत्ता पर आधारित शिक्षा अपनी छात्राओं को प्रदान कर सशक्त करने के
मकसद के लिए किए जाते प्रयासों की प्रशंसा की तथा छात्राओं की पढ़ाई को प्रत्येक हालात में निर्विघ्नं जारी
रखने के साथ-साथ विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रोग्राम आयोजित कर छात्राओं के ज्ञान के दायरे को
और अधिक विशाल करते हुए उन्हें 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार शिक्षा मुहैया करवाकर वैश्विक स्तरीय
नागरिक बनाने के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए मुबारकबाद दी. अंत में उन्होंने कहा कि प्रत्येक अध्यापक एक
गुरु की तरह अपने विद्यार्थियों का ज्ञान के रूप में रोशनी के साथ मार्ग रोशन करते हुए उन्हें जीवन में आगे
बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ उनकी सकारात्मक शख्सियत के विकास में विशेष भूमिका अदा
करे.
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