भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर के द्वारा देश के
महान नायक शहीद-ए- आज़म स: भगत सिंह की 118वीं जयंती के अवसर पर उन्हें याद
करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस दिवस को मुख्य रखते हुए विद्यालय के द्वारा
विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करवाया गया. इस अवसर पर विद्यालय प्रिंसिपल प्रो.
अतिमा शर्मा द्विवेदी ने फैकल्टी सदस्यों एवं छात्राओं सहित विद्यालय में स्थापित शहीद
भगत सिंह जी के विरासत मेमोरियल पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इस अवसर पर संबोधित
होते हुए जहां उन्होंने शहीद भगत सिंह जी की महानता के प्रति अपने आप को ऋणी बताया
वहीं साथ ही कहा कि उनकी दिलेरी भरी कुर्बानी ने देश के अनगिनत लोगों में देश भक्ति
का दीपक जलाया और देश के विकास के लिए हमें सदा ऐसे आदर्शों की ज़रूरत है. आगे
बात करते हैं उन्होंने कहा कि यह बेहद गर्व का विषय है कि कन्या महाविद्यालय का भगत
सिंह के साथ नज़दीकी संबंध है क्योंकि वह के.एम.वी. के तत्कालीन प्रिंसिपल आचार्या
लज्जावती जी के बेहद नज़दीक थे और देश आज़ादी के संघर्ष के दौरान कन्या महाविद्यालय
में शरण भी लेते थे. इसके अलावा उन्होंने बताया कि सरदार भगत सिंह को श्रद्धांजलि के
चिन्ह के रूप में और उनके साथ नज़दीकी संबंध होने के कारण विद्यालय के हॉस्टल में एक
विरासत मेमोरियल का निर्माण भी करवाया गया है. कन्या महा विद्यालय एक राष्ट्रवादी
संस्था है जिसके द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में सरगरम तौर पर भूमिका अदा की गई है क्योंकि
यहां की छात्राएं स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने वाली देश की पहली महिलाओं में से एक
थी. उन्होंने आगे बताया कि भगत सिंह जी के आदर्शवाद एवं उनकी कुर्बानी ने उन्हें एक
महान नायक और बहुत सारे लोगों के लिए प्रेरणा का बेहद विशाल स्रोत बनाया. इसके साथ
ही डॉ. द्विवेदी ने समूह छात्राओं को भगत सिंह जी के जीवन एवं फलसफे को धारण करते
हुए देश के भविष्य को संवारने में अपना बढ़-चढ़ कर योगदान देने के लिए भी प्रेरित किया.
इस अवसर पर भगत सिंह के जीवन और संघर्षों को चित्रित करने वाली एक फोटो प्रदर्शनी
भी प्रदर्शित की गई, जिसमें भगत सिंह, उनके परिवार की तस्वीरें और भगत सिंह द्वारा
विभिन्न समय पर लिखे गए पत्र भी प्रदर्शनी में प्रदर्शित किए गए। छात्रों द्वारा एक नाटक

भी मंचित किया गया, जिसमें छात्रों ने सभी को भगत सिंह की विचारधारा से परिचित
कराया क्योंकि भगत सिंह के बलिदान ने युवाओं के दिलों में एक प्रज्वलित भावना उत्पन्न
की, जिसने स्वतंत्रता संग्राम को बड़ी गति दी। इस अवसर पर सलोगन और पोस्टर निर्माण
प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने अपने पोस्टरों और सलोगन के
माध्यम से भगत सिंह के जीवन संघर्ष को उजागर किया और साथ ही सभी को भगत सिंह
की विचार प्रक्रिया से अवगत कराया।इसी श्रंखला में छात्राओं ने नाटक के द्वारा भी भगत
सिंह की सोच एवं देश की आज़ादी के लिए उनकी कुर्बानी के साथ स्वतंत्रता संग्राम में आए
जोश को बाखूबी मंच पर प्रदर्शित किया गया. मैडम प्रिंसिपल ने इतिहास विभाग अध्यक्षा डॉ.
गुरजोत कौर के साथ-साथ समूह आयोजक मंडल के द्वारा इन गतिविधियों के सफल
आयोजन के लिए किए गए प्रयासों की भरपूर प्रशंसा की.

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