जालंधर : भारत की विरासत संस्था कन्या महाविद्यालय, आटोनॉमस और भारत के नंबर-1 कालेज (इंडिया टूडे 2०19 की रैकिंग अनुसार) जालंधर में पंजाब कला परिषद, चंडीगढ़ के सहयोग के साथ श्री गुरु नानक देव जी के 550वें गुरुपुर्व को सर्मपित गुरु नानक वाणी – मूल सरोकार और प्रासंगिकता विषय पर एक दिवसीय सैमीनार का आयोजन किया गया। इस प्रोग्राम में डा. हरमोहिंदर सिंह बेदी, चांसलर, सैंट्रल यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश ने मुख्य मेहमान के रुप में शिरकत की जबकि डा. हरभजन सिंह भाटिया और डा. गुरमीत सिंह, पंजाबी अध्यन स्कूल, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर ने विशेष वक्ता के रुप में अपनी शिरकत की। इसके साथ ही रिटायर्ड प्रोफैसर रजनीश बहादुर भी उपस्थित रहे। इस सैमीनार की अध्यक्षता विद्यालय प्राचार्या प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी द्वारा की गई। प्रोग्राम का आगाज़ ज्योति जलाने के उपरांत प्राचार्या जी द्वारा आए हुए अतिथियों के स्वागत के साथ किया गया। उदघाटन सत्र के दौरान डा. लखविंदर जौहल, जरनल सचिव, पंजाब कला परिषद, चंडीगढ़ के द्वारा दिए गए अपने सम्भाषण में उन्होंने युवा पीढ़ी को गुरु नानक देव जी की वाणी को समझने की ज़रुरत पर ज़ोर दिया ताकि वह विकास के मार्ग पर निरंतर चल सकें। उन्होंने गुरु नानक देव जी के जीवन में घटित हुई घटनाओं चर्चा करते हुए गुरु जी के एकता में रहने के उपदेश पर ज़ोर दिया तथा वर्तमान युग में उनकी वाणी की सार्थकता को पेश किया। डा. हरभजन सिंह भाटिया ने छात्राओं को संबोधित होते हुए कहा कि जो देश अपने पारंपरिक नायकों को याद करते हैं वह हमेशा सफलता के पथ पर चलते हुए अपना विकास करते हैं। उन्होंने गुरु नानक देव जी के ब्रहअंती नज़रिए पर विचार चर्चा करते हुए गुरु जी द्वारा समूचे ब्रमांड को एक जीवन दृष्टि से देखने पर चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि गुरु नानक देव जी का पैगाम किसी व्यक्ति विशेष, धर्म, रंग, नस्ल, जात आदि के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए है। उन्होंने मौजूदा दौर में मनुष्य को सच के मार्ग पर चलने का गुरु नानक देव जी का उपदेश भी समझाया। डा. गुरमीत सिंह ने महान दार्शनिक गुरु नानक देव जी की वाणी पर चर्चा करते हुए उनकी वाणी तथा शिक्षाओं को व्यवहारिक पेपर में अपनाने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी एक महान दार्शनिक हैं जिन्होंने जीवों को बहुत सारे नैतिक मुल्यों को जीवन में धारण करने का उपदेश दिया। डा. हरमोहिंदर सिंह बेदी ने इस सैमीनार के दौरान संबोधित होते हुए कहा कि आज वैष्विक स्तर पर गुरु नानक देव जी को समझने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने गुरु नानक देव जी द्वारा की गई उदासियों दौरान लोगों के साथ हुए उनके वार्तालाप द्वारा समाज में घाटित हुई कई अहम तबदीलियों के बारे में भी छात्राओं को जानकारी प्रदान की। विद्यालय प्राचार्या प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने छात्राओं को संबोधित होते हुए युग पुरुष श्री गुरु नानक देव जी की वाणी के पुर्नउत्थान की बात करते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी के औरत प्रति साकारात्मक रवईए से प्रेरित होकर कन्या महाविद्यालय के संस्थापकों ने इस गौरवमयी संस्था की स्थापना की। उन्होंने गुरु नानक देव जी की वाणी के सरोकारों जैसे किरत करने, नाम जपने तथा मिल बांट कर खाने के साथ-साथ भेदभाव का खंडन, आडंबर का त्याग, औरत प्रति सत्कार आदि को व्वहारिक स्तर पर अपनाने को ही गुरु नानक देव जी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करना बताया। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी जैसे महापुरुषों की वाणी को एक सीमित दायरे में ना रखकर इसका पूरी दुनिया में प्रचार करना चाहिए। प्रोग्राम के अंत में उन्होंने आए हुए मेहमानों के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए पोस्ट ग्रैजुएट डिपार्टमैंट आफ पंजाबी द्वारा किए गए इस सफल प्रयत्न की सराहना की।
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