
जालंधर: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार भारत में ‘कोरोना महामारी’ की पहली लहर जनवरी, 2020 से फरवरी, 2021 तक रही। इस दौरान ‘कोरोना’ के 1.08 करोड़ मामले सामने आए और औसतन रोजाना 412 मौतों के हिसाब से लगभग 1.55 लाख लोगों की मौतें हुर्ईं। ‘कोरोना’ की दूसरी लहर (मार्च, 2021 से मई, 2021) में 1.69 लाख मौतें तथा तीसरी लहर (दिसम्बर, 2021 से फरवरी, 2022) के दौरान 50.05 लाख नए मामले दर्ज किए गए और 10,465 मौतें हुईं। और अब एक बार फिर भारत सहित ‘दक्षिण एशिया’ के कई देशों में ‘कोरोना’ की नई लहर (वेरिएंट) का खतरा मंडराने लगा है। ‘हांगकांग’ और ‘सिंगापुर’ में ‘कोरोना वायरस’ के मामले बढऩे लगे हैं। जहां ‘हांगकांग’ में अभी तक सामने आए ‘कोरोना’ के 81 मामलों में 30 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं ‘सिंगापुर’ में 1 मई तक ‘कोरोना’ के मामलों की संख्या बढ़कर 14,200 हो गई। वहां 1 से 19 मई के बीच इसके 3,000 नए मरीज सामने आए हैं। ‘सिंगापुर’ व ‘हांगकांग’ के बाद ‘चीन’ और ‘थाईलैंड’ में भी इसके मामले बढऩे लगे हैं तथा अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह महामारी एक बार फिर गंभीर रूप ले सकती है और इसका असर ‘एशिया’ के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है। भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पड़ोसी देशों में ‘कोरोना’ के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने और वैक्सीन लेने की सलाह दी है। हालांकि उनका कहना है कि अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे लगे कि ये ‘नए वेरिएंट’ पहले से अधिक खतरनाक या तेजी से फैलने वाले हैं परन्तु उनका मानना है कि यह लहर ‘कमजोर इम्युनिटी’ वाले लोगों पर अपना असर दिखा सकती है। दूसरी ओर ‘चाइनीज सैंटर फॉर डिजीज एंड प्रिवैंंशन’ के आंकड़ों के अनुसार ‘कोरोना’ की लहर जल्द ही तेज हो सकती है