जालंधर:कोविड-19 लॉकडाउन के दौर में वायरस कोरोना के
खतरे के साथ-साथ एक और खतरा मानवीय आचार-
व्यवहार में तेजी से घर कर रहा है, यह है चिंता एवं
डर! लोगों को अब इस बीमारी से सुरक्षित रहने के
प्रति जागरूक करने से अधिक जरूरी है विभिन्न साधनों से
मिल रही जरूरी-गैर जरूरी जानकारी से पैदा हो
रहे डर एवं चिंता से मुक्ति! इसके लिए हंसराज महिला
महाविद्यालय (एच.एम.वी) के दिशा काउंसलिंग सैल ने पहल की
है! सैल की तरफ से यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन
(यू.जी.सी) के दिशा निर्देश पर शहरवासियों की ही
नहीं बल्कि प्रदेश या किसी अन्य राज्य से भी आ रही
जिज्ञासा, डर एवं चिंता से जड़े सवालों के संदर्भ में
प्राथमिक मनोवैज्ञानिक चिकित्सा देनी शुरू की है! यह
जानकारी एच.एम.वी की प्रिंसिपल प्रोफेसर (डा.) श्रीमती
अजय सरीन ने दी है!
उन्होंने बताया कि समाज में आज संचार के साधन
बढऩे से लोगों में हर तरह से असुरक्षा की भावना
पैदा हो रही है, जो न केवल सभी को सामाजिक
सरोकार से दूर कर रही है, बल्कि अपने आप से भी
कहीं दूर ले जा रही है! ऐसे दौर में कालेज की तरफ
से सायकोलॉजिकल यानि मनोवैज्ञानिक तरीके से
लोगों की काउंसलिंग शुरू की है! प्रिंसिपल प्रोफेसर
(डा.) सरीन ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग के चलते
कालेज ने इस सबंध में एक ईमेल
शुरू की है! इसके इलावा इस सैल में कालेज की
सीनियर फैकल्टी डॉ.आशमीन कौर, डॉ वीनस एवं
सुश्री अंजना को शामिल किया गया है! इन फैकल्टी
मेंबर्स के मोबाइल नंबर्स कालेज वेबसाइट पर उपलब्ध
करवाए गए हैं, जिन पर सन्देश के जरिए लोग अपने भय,
असुरक्षा एवं अन्य मनोविज्ञान से आधारित समस्याओं
का हल प्राप्त कर सकते हैं!
प्रिंसिपल प्रोफेसर (डा.) अजय सरीन ने सभी से
अपील की हैं कि कोविड – 19 के इस दौर में अफवाहों से
बचें, अनावश्यक जानकारी भी हासिल न करें,
परिवार के साथ समय बिताएं, स्वास्थ्य विभाग द्वारा
बताई एहतियात बरतें और घर के कामों में एक-दूसरे
की मदद करें। किताबें पढ़ें, मनोरंजन के लिए प्ले
बोर्ड गेम, अच्छा संगीत सुनें और सबसे महत्वपूर्ण, दृढ़ता से
विश्वास ये कहें कि यह समय भी निकल जायेगा! ब्रह्मांड
भगवान के हाथों में है। वह प्रेम का देवता है, न कि दंड
का। विश्वास रखो और भीतर से ताकत इक_ा करो।
प्राचार्या