महापंचायत के जरिए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश (फाइल फोटो: PTI)

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं से शुरू हुआ किसान संगठनों का विरोध अब अलग-अलग शहरों में हो रही महापंचायत  तक पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुई विशाल महापंचायत के बाद अब हरियाणा के करनाल की बारी है. मंगलवार को होने वाली इस महापंचायत को लेकर किसान संगठनों और प्रशासन की ओर से तैयारियां की गई हैं

1.    मुजफ्फरनगर के बाद करनाल में किसानों की महापंचायत हो रही है, ये एक हफ्ते में दूसरी बड़ी महापंचायत है.

2.    कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के बड़े नेता इस महापंचायत को संबोधित करेंगे. राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत अन्य नेता भी शामिल होंगे.

3.    28 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विरोध कर रहे किसानों पर जो लाठीचार्ज किया गया था, उसके विरोध में ये महापंचायत बुलाई गई है.

4.    लाठीचार्ज में एक किसान की मौत हो गई थी. किसानों द्वारा प्रशासन के सामने कई मांग रखी गई वरना महापंचायत-प्रदर्शन की चेतावनी दी गई थी.

5.    किसान संगठनों ने मृतक किसान के बेटे के लिए 25 लाख का मुआवजा, सरकारी नौकरी की मांग रखी थी. इसके अलावा घायल किसानों को 2-2 लाख रुपये देने की मांग की थी.

6.    जिलाधिकारी के साथ हुई बैठक में प्रशासन और किसान संगठनों के बीच बात नहीं बनी. जिसके बाद महापंचायत का रास्ता साफ हुआ.

7.    प्रशासन ने साफ कहा कि जिनपर एक्शन हुआ, उन सभी ने कानून को तोड़ा था. ऐसे में किसी को भी मुआवजा नहीं दिया जा सकता है.

8.    महापंचायत को देखते हुए करनाल, जींद, कुरुक्षेत्र, पानीपत में इंटरनेट-एसएमएस सेवा बंद कर दी गई है. मंगलवार रात 11.59 तक सभी सेवाएं बंद रहेंगी.

9.    सुरक्षाबलों की 40 कंपनियां, केंद्रीय सुरक्षाबलों की 10 कंपनियों को करनाल जिले के आसपास तैनात किया गया है.

10.    प्रशासन द्वारा धारा 144 लगा दी गई है, सभी प्रदर्शनकारियों से शांति बरतने को कहा गया है. साथ ही डीएम ने चेतावनी दी है कि किसी भी कीमत पर हाइवे जाम नहीं होने देंगे.

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।