नई दिल्ली 26 जनवरी : भारत देश ने आज 75वां गणतंत्र दिवस मनाया। दिल्ली में कर्तव्य पथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरंगा फहराया और उसके बाद परेड शुरू हुई। पूरी दुनिया ने 21वीं सदी के भारत की ताकत देखी। कर्तव्य पथ पर दुनिया को भारतीय नारी की शक्ति के दर्शन हुए। इस बार  गणतंत्र दिवस  की थीम ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’ है।

समारोह के मुख्य अतिथि फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों रहे। परेड सुबह 10.30 बजे से कर्तव्य पथ पर विजय चौक से शुरू हुई, जो करीब 90 मिनट चली। परेड में कुल 25 झांकियां शामिल हुईं, जिनमें 16 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों, 9 मंत्रालयों और विभागों की झांकियां थीं, लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस समारोह कई मायनों में खास रहा, जानिए इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में क्या-क्या पहली बार हुआ?

दिल्ली पुलिस के स्पेशल पुलिस कमिश्नर (सुरक्षा) दीपेंद्र पाठक और स्पेशल पुलिस कमिश्नर (कानून एवं व्यवस्था, जोन-2) मधुप तिवारी ने बताया कि करीब 50 हजार से ज्यादा लोग परेड देखने पहुंचे। 13 हजार स्पेशल गेस्ट बुलाए गए थे।

14 हजार पुलिस जवान, अर्ध-सैनिक बल और CRPF के जवान नभ, थल और जल से दिल्ली और गणतंत्र दिवस समारोह की सुरक्षा कर रहे थे। इस दौरान दिल्ली के सभी बॉर्डर सील रहे। इतनी कड़ी सुरक्षा रही कि परिंदा भी पर नहीं मार पाया

भारत के 75वें गणतंत्र दिवस पर गूगल ने स्पेशन डूडल बनाया है, जिसमें 3 अलग-अलग स्क्रीन्स पर परेड नजर आएगी। एक काला, एक सफेद टेलीविजन सेट है। एक रंगीन TV और एक मोबाइल फोन दिख रहा है। डूडल में गणतंत्र दिवस परेड का चित्रण हुआ है।

पहली बार परेड शुरू होने से पहले शंखनाद हुआ। 100 महिलाओं ने शंख, ड्रम, पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाकर परेड की शुरुआत कपहली बार परेड में दिल्ली की महिला पुलिस कर्मियों का बैंड कॉन्टिजेंट शामिल हुआ, जिसकी अगुवाई एडिशनल DCP श्वेता के सुगाथन ने की, जो परेड को लीड करने वाली किरण बेदी के बाद दूसरी IPS अधिकारी बनीं।पहली बार आर्मी मेडिकल सर्विस की महिला अधिकारियों का कॉन्टिंजेंट परेड में दिखा, जिसकी अगुवाई आई सर्जन और पैराट्रूपर मेजर श्रृष्टि खुल्लर ने की।कर्तव्य पथ पर ‘अनंत सूत्र’ नामक प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें 18 राज्यों की 1900 साड़ियां प्रदर्शिति की गईं। यह प्रदर्शनी कर्तव्य पथ पर सड़क के दोनों तरफ लगाई गई थी।परेड में पहली बार सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPFs) के विभिन्न सुरक्षा बलों की महिला अधिकारियों का दल शामिल हुआ।बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF), सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF), सशस्त्र सीमा बल (SSB) की महिला कर्मियों का दल, बैंड और बाइक कॉन्टिजेंट भी शामिल हुआ।परेड में पहली बार BSF, CRPF और SSB की महिला अधिकारियों ने भी डेयरडेविल बाइकर्स की परेड में हिस्सा लिया। टीम ने 350 CC की रॉयल एनफील्ड बुलेट पर करतब दिखाए।परेड में पहली बार मिडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम (MRSAM) देखने को मिली, जिसे लेफ्टिनेंट सुमेधा तिवारी ने लीड किया। लेफ्टिनेंट अनन्या शर्मा और फ्लाइंग ऑफिसर आसमा शेख सुखोई-30 फाइटर जेट की पायलट बनकर शामिल हुईं।पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में फ्रांस का 95 सदस्यों वाला दस्ता मार्च करते दिखा। 30 सदस्यों वाले मार्चिंग बैंड ने भी परेड में हिस्सा लिया। विदेशी दस्ते में 6 भारतीय भी नजर आए।भारतीय गणतंत्र दिवस की परेड में पहली बार फ्रांस की एयरफोर्स के राफेल जेट और मल्टी-रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने भी फ्लाई पास्ट किया।परेड में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर बेस्ड झांकी देखने को मिली, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय की थी।            गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान कर्तव्य पथ का नजारा आज अलग ही था. अलग-अलग राज्यों की झांकियों  ने वहां मौजूद लोगों का ही नहीं बल्कि पूरे देश का मन मोह लिया. जिन लोगों ने टीवी   पर इन झाकियों को देखा, वह भी खुद को गर्वांतित महसूस कर रहा था.इन झाकियों में उत्तर प्रदेश की झांकी आकर्षण का मुख्य केंद्र रही. अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर की थीम पर उत्तर प्रदेश की झांकी कर्तव्य पथ पर पूरी शान के साथ उतरी. वहीं मेघालय, गुजरात, मध्य प्रदेश की झांकियों ने भी मन मोह लिया.

मध्य प्रदेश की झांकी में राज्य की आत्मनिर्भर और प्रगतिशील महिलाओं की यात्रा को दर्शाया गया. झांकी के माध्यम से संदेश दिया गया कि राज्य ने अपनी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सीधे विकास प्रक्रिया में शामिल करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. झांकी के अगले हिस्से में भारतीय वायु सेना की पहली महिला फाइटर पायलट मध्य प्रदेश के रीवा जिले की अवनी चतुर्वेदी को दिखाया गया.

मेघालय की झांकी में राज्य के चेरी ब्लॉसम के फूलों का मनमोहक नजारा देखने को मिला. धीरे-धीरे लहराते फूलों से सजे चेरी ब्लॉसम के पेड़ मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य पैदा करते हैं. कोमल पंखुड़ियां जमीन पर शांति और सुंदरता का एहसास कराती हैं.  झांकी डावकी में उमंगोट नदी के किनारे मीठे पानी के एक स्कूबा डाइविंग स्थल को भी दर्शा रही थी.
तेलंगाना की झांकी में उन आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत के प्रति सम्मान को दर्शाया गया जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मार्गदर्शक बनकर सामने आए थे. झांकी में कोमाराम भीम, रामजी गोंड और चित्याललम्मा (चकलिल्लम्मा) जैसे नेताओं के वीरतापूर्ण प्रयासों की झलक दिखाई गई, जिनकी अदम्य भावनाएं इस क्षेत्र की लोककथाओं का अभिन्न हिस्सा बन गई

भारत के पश्चिमी सिरे पर स्थित कच्छ के रण का प्रवेश द्वार धोर्डो गुजरात की झांकी का मुख्य आकर्षण रहा. धोर्डो ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र की सर्वश्रेष्ठ गांवों की सूची में जगह बनाई थी. झांकी ने इस सीमावर्ती गांव को गुजरात के पर्यटन विकास के वैश्विक प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया.

इसरो की झांकी बेहद आकर्षक रही और इसमें चंद्रयान-3, आदित्य एल-1 को प्रमुखता दी गई. झांकी में इसरो के विभिन्न मिशनों में महिला वैज्ञानिकों की भागीदारी को भी प्रदर्शित किया गया. इसरो अगले वर्ष भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान को अंजाम देने की योजना बना रहा है.
छत्तीसगढ़ की झांकी में राज्य के बस्तर क्षेत्र में सामुदायिक स्तर पर निर्णय लेने की 600 साल पुरानी आदिवासी परंपरा ‘मुरिया दरबार’ को दर्शाया गया. ‘मुरिया दरबार’ प्राचीन काल से आदिवासी समुदायों में मौजूद लोकतांत्रिक चेतना और पारंपरिक लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रतिबिंबित करता है और साथ ही भारत में लोकतंत्र की उत्पत्ति और विकास की कहानी भी प्रस्तुत करता है.
लद्दाख की झांकी ने महिला सशक्तीकरण के साथ ही इस केंद्र शासित प्रदेश की प्रगति की यात्रा की एक मनमोहक झलक पेश की. झांकी के ट्रैक्टर वाले हिस्से में लड़कियों को बर्फ में आइस हॉकी खेलते हुए दिखाया गया, जो केंद्र शासित प्रदेश में महिला सशक्तीकरण की यात्रा को दर्शाता है.

 

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