कैप्टन अमरिंदर सिंह का फाइल फोटो। - Dainik Bhaskar

श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाशोत्सव को समर्पित पंजाब विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र शुक्रवार को लगेगा। इसमें पंजाब के नए गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित खास मेहमान होंगे। इस सत्र की खास बात यह है कि यह ऐसे वक्त में बुलाया जा रहा है, जब पंजाब में सरकार चला रही कांग्रेस के बीच घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर व पार्टी के प्रदेश प्रधान नवजोत सिद्धू के दो ग्रुपों में कांग्रेस बंट चुकी है। पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज हरीश रावत भी 3 दिन बाद पार्टी में ‘ऑल इज नॉट वेल’ कहकर दिल्ली लौट चुके हैं।सबसे अहम यह है कि इस सत्र में बगावत की शिकार कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव का खतरा मंडरा रहा है। प्रस्ताव आएगा या नहीं, यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन आम आदमी पार्टी व कांग्रेस ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी करके पूरा दिन सदन में मौजूद रहने को कहकर ऐसी चर्चाओं को जन्म दे दिया है। आम आदमी पार्टी पहले भी गवर्नर से मिलकर कैप्टन से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुकी है। अकाली दल भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को बहुमत साबित करने की चुनौती दे चुके हैं। वहीं, खास बात यह भी है कि कैप्टन से बागी हुए मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा व सुख सरकारिया विस स्पीकर राणा केपी से मिले हैं, जिसकी वजह से सबकी नजर इस एक दिन के सेशन पर लगी हुई है।

नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर से विधायक हैं। सिद्धू लगातार सरकार से विधानसभा सत्र एक हफ्ते का करने मांग करते रहे हैं। जिसमें बिजली समझौते, नशा तस्करों पर कार्रवाई जैसे कई मुद्दे वे उठाना चाहते हैं। हालांकि शुक्रवार को लग रहे एक दिन के सेशन में वे आते हैं या नहीं और कौन से मुद्दे उठाते हैं, इस पर भी नजर रहेगी। यह बात इसलिए अहम है, क्योंकि सिद्धू बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें समय नहीं मिला। तरजीह न मिलने के बाद सिद्धू को बैरंग लौटना पड़ा। हालांकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि यह श्री गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित सत्र है, इसलिए एक दिन का ही रखा गया है।पंजाब में कांग्रेस के भीतर मची कलह के बीच शक्ति प्रदर्शन भी हो चुका है। पहले बागी मंत्रियों ने बैठक की और दावा किया कि 4 मंत्रियों समेत 30 विधायक उनके साथ हैं, जिन्होंने कैप्टन को कुर्सी से हटाने की मांग की थी। हालांकि इनमें से 6 विधायक मुकर गए। देहरादून में हरीश रावत से मुलाकात के बाद चरनजीत चन्नी भी कैप्टन के विरोध से पीछे हट गए। इसके बाद खेल मंत्री राणा सोढ़ी के घर कैप्टन ग्रुप ने डिनर किया, जिसमें 58 विधायकों के साथ होने का दावा किया। कांग्रेस के पास कुल 77 विधायकों के साथ हाल ही में आम आदमी पार्टी छोड़ पार्टी में शामिल हुए 3 और विधायक हैं। यह तीनों सुखपाल खैहरा, जगदीप कमालू व पिरमल खालसा भी कैप्टन के समर्थक हैं।

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