गुजरात: गुजरात में कोरोना का ऐसा विस्फोट हुआ है कि अब राज्य में रोज नए रिकॉर्ड कायम हो रहे हैं और मौतें भी पहले से काफी ज्यादा होती दिख रही हैं. इस मुश्किल समय में गुजरात कोरोना के अलावा कालाबाजारी से भी जूझ रहा है. हर जगह से खबरें आ रही हैं कि रेमडेसिविर और ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी की जा रही है. हैरानी तो इस बात की है कि कुछ डॉक्टर भी इसमें शामिल दिखाई दे रहे हैं.अब सूरत के दो ऐसे ही डॉक्टरों को कोर्ट की तरफ से अनोखी सजा सुनाई गई है. कहा गया है कि दोनों डॉक्टरों को 15 दिनों तक कोविड-19 हॉस्पिटल में कार्य करना होगा.वहीं हॉस्पिटल के सीएमओ को दोनों डॉक्टरों के कार्य की रिपोर्ट कोर्ट को समय रहते देनी होगी.कुछ दिन पहले सूरत के लालगेट थाना पुलिस ने डॉक्टर हितेश डाभी और डॉक्टर साहिल चौधरी को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी के आरोप में गिरफ़्तार किया था. कोर्ट ने केस शुरू होने से पहले ही अलग से सुनवाई कर दोनों डॉक्टरों को ये सजा सुना दी अब ये पहला मामला नहीं है जहां पर डॉक्टर या नर्स ही कालाबाजारी में लिप्त दिखाई दिए हों. देश के कई हिस्सों से इस समय ऐसी ही खबरें सामने आ रही हैं जहां पर कुछ लोग सिर्फ मोटी रकम कमाने के बहाने ना सिर्फ चूना लगा रहे हैं बल्कि कई लोगों की मजबूरियों का फायदा भी उठा रहे हैं. गुजरात में भी बीते कुछ दिनों में ऐसी घटनाएं काफी ज्यादा देखने को मिली हैं. कार्रवाई तो होती है लेकिन अपराधियों में कानून का खौफ नजर नहीं आता.वैसे गुजरात में कोरोना स्थिति इतनी चिंताजनक है कि कई मौकों पर हाई कोर्ट को भी रुपाणी सरकार को फटकार लगानी पड़ी है. कभी मौत के आंकड़े छिपाने पर सुनना पड़ा है तो कभी अस्पतालों में हो रही बदइंतजामी पर भी सफाई देनी पड़ी है. लेकिन इस सब के बावजूद भी राज्य में कोरोना की विस्फोटक स्थिति कायम है.
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