
कन्या महाविद्यालय ,जालंधर के देवराज सभागार में वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया जिसमें प्रो.(डॉ.) कर्मजीत सिंह वाईस चांसलर, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित हुए और कन्या महाविद्यालय में शिक्षा सम्पन्न करने वाली 825 छात्राओं को ग्रेजुएट की उपाधि से अलंकृत किया। श्री चंद्रमोहन(अध्यक्ष, आर्य शिक्षा मंडल) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।श्रीमती सुषमा चावला, (वाइस प्रेसिडेंट,के. एम. वी मैनेजिंग कमेटी) डॉ. ध्रुव मित्तल (कोषाध्यक्ष ,के. एम. वी मैनेजिंग कमेटी)डॉ. एस. पी. गुप्ता,श्रीमती सुशीला भगत, श्रीमती नीरू कपूर माननीय सदस्य विद्यालय प्रबंध कर्तृ सभा तथा दोआबा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. प्रदीप भंडारी ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया। विद्यालय प्राचार्या प्रो. डॉ. आतिमा शर्मा द्विवेदी ने सभी आमंत्रित अतिथियों का पुष्पित अभिनंदन किया और ज्योति प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना की नृत्यमय प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। प्राचार्या महोदया ने माननीय मुख्यतिथि महोदय प्रो. कर्मजीत सिंह एवं सभी अतिथियों का अभिनंदन करते हुए विद्यालय द्वारा विभिन्न क्षेत्रो में हासिल की गई उपलब्धियों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की । उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रबंधक कमेटी के कुशलमार्गदर्शन में के. एम. वी उच्च शिक्षा में नए आयामों की ओर निरंतर सफलतापूर्वक बढ़ रहा है। विरासत , स्वायत्त एवं स्टार कॉलेज स्टेटस के साथ क्यूरी, फिस्ट अनुदान के द्वारा अकादमिक जगत में कन्या महा विद्यालय के योगदान की स्वीकृति इस बात का प्रमाण है कि के .एम. वी अपने लक्ष्य की ओर सफलतापूर्वक अग्रसर है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप के. एम. वी नए सिलेबस, इन्नोवेटिव ढंग , नई तकनीक और कौशल, समग्र विकास के नए अवसर, वैश्विक दृष्टिकोण के साथ यदि के. एम. वी उच्च शिक्षा के नए स्वरूप को आकार दे रही है तो इसमें गुरु नानक देव विश्वविद्यालय तथा विद्यालय प्रबंधक कमेटी से अनवरत मिल रहे मार्गदर्शन का महत्वपूर्ण योगदान है। प्राचार्या महोदया ने आज के दीक्षांत समारोह में डिग्री प्राप्त करने वाली छात्राओं को उनके उज्ज्वल और प्रशस्त भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। आदरणीय श्री चंद्रमोहन जी ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में सभी विद्यार्थियों को मुबारकबाद एवं शुभकामनाएं देते हुए अपने प्रेरणाप्रद संबोधन में कहा कि मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी ज्ञान है।उन्होंने समय और आधुनिक तकनीक के सदुपयोग की सीख देते हुए कहा कि नए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और तकनीक हमारी सीखने की क्षमता को बढ़ाने और हमें सफ़ल और सशक्त बनाने में सहायक है यदि हम उनके सम्यक और अनुशासित प्रयोग की आदत का अभ्यास करें। आपने के. एम .वी के प्रति मुख्यातिथि महोदय की सद्भावना एवम सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यातिथि महोदय की अकादमिक विकास के लिए प्रगतिशील सोच एवम दूरदर्शिता निश्चित ही सराहनीय तथा अनुकरणीय है। इस अवसर पर आदरणीय मुख्यातिथि महोदय ने प्रो. डॉ. अतिमा शर्मा द्विवेदी , डॉ. मधुमीत, डॉ रीना रीना शर्मा द्वारा संपादित पुस्तक लिटरेरी पर्सपेक्टिव का लोकार्पण किया । कॉन्वोकेशन ओपन की औपचारिक घोषणा के पश्चात आदरणीय मुख्यतिथि तथा अन्य सम्मानित अतिथियों के द्वारा मंच पर के. एम. वी की बिभिन्न विषयों एवं स्ट्रीम्स की छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई। आदरणीय मुख्यातिथि महोदय ने छात्राओं को आज के विशेष दिन पर मुबारकबाद दी । उन्होंने अपने प्प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि आज का दिन सफलता की ख़ुशी मनाने के साथ इन वर्षों की शिक्षा साधना से अर्जित जीवन मूल्यों को आजीवन सहेजने का संकल्प लेने का भी है।विभिन्न प्रेरक उदाहरणों के द्वारा उन्होंने छात्राओं को यह सकारात्मक संदेश भी दिया कि विफलता को पार कर निरन्तर प्रयासशील रहकर ही हम अपने लिए और अपने समाज और परिवेश के लिए कुछ सार्थक कर सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में आदरणीय प्राचार्या जी ने दीक्षांत समारोह के सफ़ल आयोजन के लिए आयोजक मंडल को मुबारकबाद दी। कॉन्वोकेशन के समापन की घोषणा के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।