लखनऊ : सोनभद्र जाते हुए मिर्ज़ापुर में ‘हिरासत’ में ली गईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अभी भी चुनार के क़िले में बने सरकारी गेस्ट हाउस में ही मौजूद हैं. प्रियंका रात भर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ इसी गेस्ट हाउस में रहीं. वहीं यूपी पुलिस का कहना है कि प्रियंका गांधी इस समय पुलिस हिरासत में नहीं हैं.
वाराणासी ज़ोन के एडीजी ब्रृज भूषण ने बताया, “प्रियंका गांधी इस समय यूपी पुलिस की हिरासत में नहीं हैं. हमने उनसे स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि वो सोनभद्र के अलावा कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं. वो इस समय गेस्ट हाउस में अपनी स्वेच्छा से हैं.”
प्रियंका गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “जो पीड़ित हैं उनसे मिलना नेता का धर्म होता है अपराध नहीं. मैंने कोई अपरध नहीं किया है. मैं कोई ज़मानत नहीं भरूंगी. एक पैसा नहीं भरूंगी.” जब शुक्रवार शाम प्रियंका गांधी को गेस्ट हाउस ले जाया गया तब यहां बिजली या पानी की व्यवस्था नहीं थी. इस दौरान कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता मोबाइल फ़ोन की लाइट में भजन-कीर्तन करते रहे.
रात क़रीब 11 बजे गेस्ट हाउस में जेनरेटर लाया गया और बिजली की व्यवस्था की गई. इस दौरान अधिकारी प्रियंका गांधी को वापस लौटने के लिए मनाने की कोशिश भी करते रहे.लेकिन पत्रकारों से बातचीत में प्रियंका ने कहा, “मैं नरसंहार पीड़ितों से मिले बिना वापस नहीं लौटूंगी.”जब उनसे बिजली और पानी न होने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “मैं संघर्ष कर रही हूं और करती रहूंगी.” हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर ये नहीं कहा कि उन्हें ऐसे गेस्ट हाउस में रखा गया है जहां बिजली और पानी की व्यवस्था नहीं है.
उन्होंने कहा, “डीएम और एसपी ने मुझसे कहा कि यहां एसी की व्यवस्था नहीं है. आप वाराणसी चली जाइये तो मैंने उनसे कहा कि मैं कही नहीं जाऊंगी, मुझे एसी या बिजली की ज़रूरत नहीं है. आप मुझे जेल में डालना चाहें तो डाल सकते हैं, पीड़ित परिवारों से मिले बिना मैं लौटूंगी नहीं.” मैंने यह स्पष्ट करते हुए कि मैं किसी धारा का उल्लंघन करने नहीं बल्कि पीड़ितों से मिलने आयी थी सरकार के दूतों से कहा है कि बग़ैर मिले मैं यहाँ से वापस नहीं जाऊँगी।मैंने इनसे मेरे वकीलों के मुताबिक मेरी गिरफ़्तारी हर तरह से गैर-क़ानूनी है। मुझे इन्होंने सरकार का संदेश दिया है कि मैं पीड़ित परिजनों से नहीं मिल सकती।
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ज़िले के घोरावल इलाक़े के उम्भा गांव में विवादित ज़मीन को लेकर बुधवार को हुए संघर्ष में दस लोगों की मौत हो गई थी.कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस घटना को ‘नरसंहार’ बताते हुए प्रदेश की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.इससे पहले बीती शाम जब मिर्ज़ापुर पुलिस ने प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाते हुए रास्ते में रोका तो उन्होंने कहा, “यूपी सरकार अगर उन्हें जेल में डालना चाहे तो वो इसके लिए तैयार हैं.”
प्रियंका गांधी को शुक्रवार को सोनभद्र जाते वक़्त हिरासत में ले लिया गया और चुनार क़िले में एक गेस्टहाउस ले जाया गया जहां वो धरने पर बैठ गईं.प्रशासन ने तनाव को देखते हुए लोगों को जमा होने से रोकने के लिए सोनभद्र में धारा 144 लागू कर दी है.प्रियंका की हिरासत पर यूपी पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने से रोका गया तो वो विरोध में सड़क पर ही बैठ गईं जिसके बाद उन्हें मिर्ज़ापुर रोड पर स्थित नारायणपुर में हिरासत में ले लिया गया.
प्रियंका ने कहा, “मैंने अधिकारियों से कहा कि अगर सोनभद्र में धारा 144 है तो मैं उसका उल्लंघन नहीं करूंगी. मैं आपके साथ उनसे मिलने चली जाऊंगी. किसी भी तरह से मुझे उनसे मिलवा दीजिए. फिर भी उन्होंने ये कार्रवाई की. मुझे यहां उन्होंने रखा हुआ है. मैं बिलकुल स्पष्ट हूं, मैं पीड़ित परिवारों से मिले बना यहां से नहीं जाऊंगी.”प्रियंका गांधी के मुताबिक मिर्ज़ापुर के ज़िलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने उनसे मुलाक़ात की और वाराणासी जाने का आग्रह किया.प्रियंका से जब पूछा गया कि आप कब तक सब्र करेंगी तो उन्होंने कहा, “मुझमें बहुत सब्र है.”