चंडीगढ़: हमें यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की पंजाब स्टेट काउंसिल को चंडीगढ़ में 21 से 25 सितंबर 2025 तक पार्टी की 25 वीं नेशनल कांग्रेस की मेजबानी करने का सुअवसर प्रदान किया गया है। हमें गर्व है कि यह शुभ अवसर हमें तब मिला है जब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी अपने 100 साल पूरे होने का सारे देश में जश्न मना रही है। यह आम कामकाजी जनता, किसान, और समाज के वंचित वर्गों और सामान्य रूप से राष्ट्र निर्माण के लिए सीपीआई की भूमिका को उजागर करने का अच्छा अवसर है।

सीपीआई ने हमारे देश को ब्रिटिश साम्राज्यवादी शासन से मुक्त कराने के लिए अन्य प्रगतिशील ताकतों के साथ स्वतंत्रता संघर्ष में एक शानदार भूमिका निभाई। पंजाब के कम्युनिस्टों, कामकाजी जन, किसान, छात्र, युवा, महिलाएं, लेखक, कलाकार और बुद्धिजीवियों ने स्वतंत्रता के संग्राम में एक शानदार भूमिका निभाई।

इतिहास गवाह है के पंजाब के लोगों की बलिदान की परंपरा रही है।

सीपीआई का 25वां महासम्मेलन अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करेगा जो गहरे संकटों में धंसी है जिसमें कृषि संकट, बढ़ती बेरोजगारी, पर्यावरण की गिरावट, आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती लागत, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, जल और नागरिक सेवाओं के हनन के साथ -साथ दलितों, महिलाओं और कामकाजी जनता के उत्पीड़न शामिल हैं। असमानताएं बढ़ रही हैं क्योंकि कॉरपोरेट्स कामकाजी लोगों के कठिन श्रम द्वारा उत्पादित धन को लूट रही हैं। कॉरपोरेट पर मोदी सरकार द्वारा टैक्स 35% से 15% तक कम किया गया है, जबकि जीएसटी और सेस के माध्यम से आम आदमी पर अप्रत्यक्ष कर लगातार बढ़ रहे हैं। वर्तमान में अमीरों के शीर्ष 5% के पास राष्ट्रीय धन का 60% हिस्सा है, जबकि निकले पायदान पर 50% आबादी के पास कुल राष्ट्रीय धन का केवल 3% हिस्सा है। राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य, भूख, गरीबी और लिंग पर सूचकांक गिर गया है, जिससे देश शर्मसार है। बढ़ती बेरोजगारी के चलते युवा अपने भविष्य में अनिश्चितता महसूस करते हैं।

इसी के साथ सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने के प्रयासों में, फासीवादी रुझान बढ़ रहे हैं। आरएसएस-बीजेपी सरकार के दमनकारी कदमों का श्रमिकों, किसानों, छात्रों, शिक्षकों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, सभी के पर प्रभाव पड़ रहा है। शासन के लोकतांत्रिक संस्थानों को विरोध की आवाज़ों को चुप कराने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है। अल्पसंख्यकों को लगातार लक्षित किया गया है, नवीनतम उदाहरण है कि विपक्ष की आवाज़ों की अवहेलना करते हुए जल्दबाजी में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को पारित किया।

धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और फैडरेलिज्म जैसे संविधान के मौलिक सिद्धांतों पर हमला बढ़ गया है। गैर गैर-भाजपा शासित राज्यों में राज्यपालों की भूमिका सवाल में आई, जहां इन राज्यपालों ने संविधान के खिलाफ ही कार्य किया। सीपीआई महा अधिवेशन इन मुद्दों पर राष्ट्रीय एकता, अखंडता और हमारे देश देश की समग्र संस्कृति के लिए खतरा है, गंभीरता से चर्चा करेगी।

जैसा कि ऊपर बताया गया है, पार्टी समकालीन मुद्दों पर सेमिनारों का आयोजन करेगी

फिलिस्तीनियों के निरंतर नरसंहार और ज़ायनवादी शासन के साथ गठबंधन में अमेरिकी प्रशासन की विस्तारवादी नीतियां न केवल मध्य पूर्व, बल्कि एशियाई देशों के लिए खतरा बन रही हैं। रूस और नाटो द्वारा समर्थित यूक्रेन के बीच युद्ध दुनिया भर में शांति प्रिया लोगों के लिए चिंता का विषय है। सम्मेलन इन मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेगा।

इस पृष्ठभूमि में CPI का 25वां महा अधिवेशन उपरोक्त सभी मुद्दों पर जनता और देश की भलाई के लिए रणनीति बनाने के लिए महत्वपूर्ण घटना साबित होगा।

25वें महा अधिवेशन की मेज़बानी के लिए रिसेप्शन समिति का गठन कर दिया गया है।

पंजाब सीपीआई के राज्य सचिव बंत सिंह बराड़ महासचिव और डॉ: स्वराजबीर सिंह आई पी एस, पूर्व संपादक पंजाबी ट्रिब्यून व कला, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व इसके चेयरपर्सन होंगे।

सीपीआई की राज्य परिषद और वामपंथी और प्रगतिशील वर्गों से कई अन्य व्यक्तित्व जिन्होंने पंजाब में विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दिया है जो देश के लिए भी महत्वपूर्ण है वह सब रिसेप्शन समिति में शामिल रहेंगे।

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग एक हजार प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग लेंगे । इस अवसर पर फ्रेटरनल पार्टियां अपने संदेश भेज रही हैं।

इस सुअवसर का उपयोग स्वतंत्रता संघर्ष में पंजाब के कम्युनिस्टों और अन्य प्रगतिशील लोगों की की भूमिका को उजागर करने के लिए किया जाएगा। राष्ट्र निर्माण में श्रमिकों और किसानों के संघर्षों में और स्वतंत्र भारत में विभिन्न आंदोलनों के दौरान किए गए बलिदानों में, देश की राष्ट्रीय अखंडता और एकता का बचाव करने में भूमिका निभाने वाले शहीदों को याद करने और शहीदों के परिवारों को सम्मानित करने के लिए जत्था कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ।

21 सितंबर 2025 को सम्मेलन के पहले दिन, एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी।

पंजाबियों की खुश दिल्ली से मेहमानों का स्वागत करने की एक बड़ी परंपरा रही है। हम पंजाब के लोगों से उदारता से दान करने और मेहमानों का स्वागत करने और सम्मेलन के दौरान उन्हें आरामदायक प्रवास प्रदान करने के लिए अपील करते हैं।

हम इस अवसर पर एक स्मारिका ला रहे हैं जो देश द्वारा सामना की जा रही समस्याओं के विश्लेषण के साथ विभिन्न विद्वानों के लेखों को शामिल करेगा।

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