पंजाब और हरियाणा के बीच चंडीगढ़ पर घमासान तेज हो गया है। हरियाणा विधानसभा में पास किए प्रस्ताव पर पंजाब सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि किसी भी राज्य की राजधानी पेरेंट स्टेट के पास जानी होती है। यहां पंजाब ही पेरेंट स्टेट है और चंडीगढ़ पंजाब का हक है। हमें जो चाहे लड़ाई लड़नी पड़े लेकिन चंडीगढ़ लेकर रहेंगे। चीमा ने कहा कि पंजाब के गांव उजाड़कर चंडीगढ़ बसाया गया। इसीलिए हमें 60% हक मिला था।

हरियाणा विधानसभा ने कल प्रस्ताव पास कर चंडीगढ़ पर अपना हक जताया था। इससे पहले पंजाब विधानसभा ने 1 अप्रैल को विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाकर प्रस्ताव पास किया था। जिसमें पंजाब सरकार ने चंडीगढ़ पूर्ण रूप से पंजाब को देने के लिए कहा था। इसके बाद से दोनों राज्यों के बीच चंडीगढ़ को लेकर टकराव की स्थिति बनी हुई है।

पजाब से एक कदम आगे बढ़ते हुए हरियाणा ने चंडीगढ़ के साथ भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड और सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर का भी मुद्दा उठा दिया। हरियाणा ने कहा कि SYL नहर का निर्माण कर पंजाब हमें पानी दे। हरियाणा ने दरियाओं के पानी पर हक बताया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनके दावे को ठीक माना है लेकिन पंजाब ने इसके खिलाफ कानून बना दिया। इसके अलावा हरियाणा ने हिंदी भाषी इलाके भी हरियाणा को देने के लिए कहा।

चंडीगढ़ में केंद्रीय नियमों से शुरू हुआ विवाद

चंडीगढ़ को लेकर विवाद की शुरूआत कर्मचारियों पर केंद्रीय नियम लागू करने से हुई थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चंडीगढ़ दौरे के बाद यह नियम लागू किए गए। जिसके बाद पंजाब भड़क गया और पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ पर हक का प्रस्ताव पास कर दिया। जिसके बाद हरियाणा में भी प्रस्ताव पास हो गया है।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।