चंडीगढ़, 1 जनवरी ( ) : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य तथा वरिष्ठ नेता हरजीत सिंह गरेवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री तथा आप सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल द्वारा दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों तथा दिल्ली के गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर महीने 18,000 रूपये देने की ऐलान पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह केजरीवाल का महज राजनीतिक चुनावी स्टंट है, जबकि दिल्ली की मस्जिदों के इमाम व मुअज्जिन अपने 17 महीने के लंबित वेतन के भुगतान को लेकर उनके आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। ज्ञात रहे कि आप सरकार दिल्ली वक्फ बोर्ड में पंजीकृत मस्जिदों के इमामों को 18,000 रुपये और मुअज्जिनों को 16,000 रुपये मासिक वेतन देती है। गरेवाल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल बताएं कि अभी तो कोई मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट नहीं है फिर क्या दिक्कत है? दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को कहिए कि कैबिनेट नोट में सेंशन करवाइए और तुरंत मौलवियों को वेतन देने दे।

हरजीत सिंह गरेवाल ने कहा कि केजरीवाल यह सब सिर्फ वोट बैंक साधने के लिए कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल को तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में अंधे होकर 10 वर्षों तक पुजारीयों और ग्रंथियों की याद नहीं आई, तब तो वोट बैंक की राजनीति के लिए सिर्फ मौलानाओं के लिए पैसे भेजते थे। अब जनता ने इन्हें भगाने की तैयारी कर ली है, तो इनको सनातन धर्म याद आ रहा है, गुरुद्वारे याद आ रहे हैं, मंदिर याद आ रहे है। उन्होंने कहा कि अब जनता जानना चाहती है कि 10 साल तक आप कहां थे? अब जनता की मांग है कि केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी दिल्ली का सिंहासन खाली करे, क्यूंकि अब भ्रष्टाचारी और लुटेरे नहीं चलेंगे।

गरेवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए विभिन्न मुफ्त सुविधाओं की घोषणा करके अपनी दागदार छवि को चमकाने और अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए हताशापूर्ण प्रयास कर रहे हैं। केजरीवाल अब एक ‘‘पराजित और हताश’’ नेता हैं जो सत्ता में बने रहने के लिए रोजाना लोकलुभावन घोषणाएं कर रहे हैं। पिछले 10 साल से केजरीवाल को ईश्वर और वाहेगुरु की याद नहीं आई, अब वह हार के डर से उन्हें याद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को केवल मस्जिद के मौलवी याद आते थे और उन्हें केवल एक धर्म और एक वोट बैंक दिखता था। पिछले 10 साल से केजरीवाल को ईश्वर और वाहेगुरु की याद नहीं आई, अब वह हार के डर से उन्हें याद कर रहे हैं। अब तक दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मस्जिदों के मौलवियों और उनके सहयोगियों को करीब 100 करोड़ रुपये दिए हैं।

गरेवाल ने कहा कि पिछले 10 सालों से धर्म और धार्मिक स्थलों का अपमान करने वाले केजरीवाल को आज चुनाव आते ही पुजारी और ग्रंथी याद आने लगे। अरविंद केजरीवाल बताएं कि आखिर उन्होंने चर्च के पादरियों को क्यों भूल गए। बिना किसी योजना के अरविंद केजरीवाल सिर्फ चुनावी छलावा करते जा रहे हैं, जिसमें पुजारियों के साथ, ग्रंथियों के साथ, पादरियों के साथ, महिलाओं के साथ और बुजुर्गों के साथ छलावा कर रहे हैं। अब दिल्ली की जनता केजरीवाल के झूठे बहकावों में नहीं आएगी और इसका हिसाब अब दिल्ली की जनता दिल्ली विधानसभा चुनाव में लेने के लिए तैयार है।

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