
दिल्ली: पिछले कई महीनों की जबरदस्त तेजी के बाद अब सोने के बाजार में ठंडक आने लगी है। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर कीमतें सीमित दायरे में घूम रही हैं, क्योंकि निवेशक इस हफ्ते सामने आने वाले अहम आर्थिक आंकड़ों और नीतिगत घटनाओं का इंतजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वैश्विक पीएमआई डेटा, चीन के व्यापार व विकास दर के आंकड़े और अमेरिका की रोजगार, मुद्रास्फीति तथा उपभोक्ता भावना से जुड़े संकेतक बाजार की दिशा तय करेंगे।जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के जिंस एवं मुद्रा शोध विभाग के उपाध्यक्ष प्रणव मेर का कहना है कि निवेशकों की नजर इस समय 5 नवंबर को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में होने वाली Tarrif सुनवाई पर भी टिकी है। इस फैसले से वैश्विक बाजारों में तेज हलचल देखी जा सकती है। उन्होंने बताया कि बीते सप्ताह सोना लगातार दूसरे हफ्ते नुकसान में बंद हुआ, हालांकि पूरे हफ्ते तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अमेरिका के सख्त मौद्रिक रुख और अमेरिका-चीन वार्ताओं में सुधार ने कीमतों पर दबाव डाला, लेकिन सुरक्षित निवेश की मांग ने गिरावट को कुछ हद तक सीमित रखा।