श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के आतंकी परिदृश्य में तरल विस्फोटक 17 साल बाद फिर से वापसी करता दिख रहा है, क्योंकि हाल ही में पुलिस ने एक आतंकवादी ठिकाने पर छापेमारी में ‘लिक्विड इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ बरामद किया है।
अधिकारियों ने कहा कि खुफिया जानकारी मिली है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह अब तरल विस्फोटकों का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि इसे एक बड़े खतरे के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि ऐसे विस्फोटकों को ‘डी2डी’ श्रेणी में रखा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरवरी, 2022 में जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तानी ड्रोन से फैंके हथियार और गोला-बारूद बरामद किए थे। बरामद किए गए विस्फोटकों में सफेद तरल की 3 बोतलें भी शामिल थीं। इन बोतलों को एक लीटर की बोतलों में पैक किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि फोरैंसिक जांच से पता चला कि यह ट्राइनाइट्रो टॉलुईन (टी.एन.टी.) या नाइट्रोग्लिसरीन हो सकता है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर डायनामाइट में किया जाता है, लेकिन इस संबंध में अभी अंतिम रिपोर्ट नहीं आई है। अधिकारियों ने इस आशंका से इंकार नहीं किया कि इस तरह के विस्फोटक कश्मीर घाटी में पहुंचा दिए गए होंगे।