
जम्मू : जम्मू :जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। इस बार मौसम की मार सबसे ज्यादा राजौरी, जम्मू और उधमपुर में देखने को मिली। अचानक आई तेज हवाओं और बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सबसे बड़ी घटना राजौरी जिले में हुई, जहां तेज आंधी और तूफान की वजह से एक निर्माणाधीन पुल गिर गया। इस हादसे में कई वाहन मलबे में दब गए। अचानक चली तेज हवाओं और बारिश ने जम्मू और उधमपुर के कई हिस्सों में कहर बरपाया, जिससे कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए और सड़क संपर्क और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
वहीं, राजौरी के कालाकोट उप-जिले में गुरुवार शाम को तेज आंधी के साथ ओलावृष्टि और भारी बारिश ने तबाही मचाई, जिससे दर्जनों परिवार बेघर हो गए और संपत्ति का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में तहसील कालाकोट और मोगला ब्लॉक शामिल हैं, जहां तेज हवाओं ने इलाके को तहस-नहस कर दिया। टिन-शीट की छत वाले कुछ घर तूफान की तीव्रता का सामना नहीं कर पाए। एडीसी कालाकोट तनवीर अहमद ने बताया कि लगभग 100 घर कथित तौर पर नष्ट हो गए हैं और कुछ स्कूलों की छत को भी नुकसान पहुंचा है।
कालाकोट के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) तनवीर अहमद ने कहा, ‘इन क्षेत्रों में कई गरीब परिवारों ने सीमित संसाधनों के साथ अपने घर बनाए थे। टिन-शीट की छतें उड़ गईं और उनके सभी घरेलू सामान नष्ट हो गए।’ प्रशासन ने कालाकोट उप प्रभाग के ब्लॉक मोगला में बचाव कार्यों के लिए कई टीमों का गठन किया है। साथ ही स्थानीय लोगों की परेशानी को देखते हुए क्षेत्र में अगले 48 घंटों के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है, क्योंकि आगे भी मौसम खराब रहने का अनुमान है।
एडीसी अहमद ने कहा, ‘बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है। पेड़ उखड़ने और बिजली के खंभे और केबल नष्ट होने से बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बाधित हो गई हैं। तूफान ने कालाकोट में स्कूल की इमारत की छत को भी नुकसान पहुंचाया है।’ स्थानीय लोगों ने सरकार से तत्काल मुआवजा और राहत सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है। एडीसी तनवीर अहमद ने पुष्टि की कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में मूल्यांकन दल तैनात किए गए हैं और राहत उपायों में तेजी लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी रिपोर्टों को कंपाइल किया जा रहा है और हम सक्रिय रूप से इस मामले को देख रहे हैं। राहत को प्राथमिकता के रूप में प्रदान किया जा रहा है और लोगों को उनकी सुरक्षा के लिए घर के अंदर रहने की सलाह दी जा रही है। प्रशासन ने स्थिति की निरंतर निगरानी का आश्वासन दिया है और बुनियादी सेवाओं को बहाल करने और प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के प्रयास जारी हैं।