जालन्धर

;जालंधर में जिला बार एसोसिएशन, जालंधर की अगुवाई में स्थानीय होटल एम्बेसेडर में पंजाब की सभी बार एसोसिएशनों की एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई। इस मीटिंग की अध्यक्षता जालंधर के प्रधान आदित्य जैन ने की तो वहीं मीटिंग का संचालन रोहित गम्भीर, सचिव, जिला बार एसोसिएशन, जालंधर ने किया।

बैठक के प्रारंभ में एडवोकेट रोहित गम्भीर ने पंजाब राज्य के विभिन्न जिलों एवं उप-मंडलों से आए सभी पदाधिकारियों का हार्दिक स्वागत किया। तत्पश्चात विभिन्न जिलों एवं उप-मंडलीय बार एसोसिएशनों के अध्यक्षों एवं सचिवों ने मंच साझा करते हुए पंजाब के अधिवक्ता समाज से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया।

विस्तृत विचार-विमर्श के पश्चात निम्नलिखित सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किए गए —

सभी बार एसोसिएशनों ने सर्वसम्मति से पंजाब राज्य में ग्राम न्यायालय अधिनियम, 2008 को लागू करने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया। यह कहा गया कि पंजाब राज्य में पहले से ही सुदृढ़ और सघन न्यायिक ढांचा मौजूद है, जहाँ प्रत्येक तहसील एवं उप-तहसील नियमित न्यायालयों से 25 से 30 किलोमीटर के दायरे में स्थित है। अतः ग्राम न्यायालय अधिनियम का उद्देश्य और तर्क पंजाब पर लागू नहीं होता। सभी बार एसोसिएशनों ने यह संकल्प लिया कि ऐसे किसी भी प्रस्ताव का शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया जाएगा।

बैठक में 5 दिवसीय वर्किंग सप्ताह की मांग को सिरे चढ़ाने के लिए कहा कि जब तक इसे लागू नहीं किया जाता तब तक पूरे पंजाब में सभी वर्किंग शनिवारों नो वर्किंग डे रखा जाएगा।

संयुक्त सदन ने यह भी मांग की कि राजस्थान सहित अन्य राज्यों की तर्ज पर पंजाब राज्य में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट (अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम) को तत्काल लागू किया जाए ताकि अधिवक्ताओं की सुरक्षा, गरिमा और स्वतंत्रता सुनिश्चित हो सके।

सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह भी निर्णय लिया कि पंजाब की सभी बार एसोसिएशनों की कार्यकारिणी का कार्यकाल 1 वर्ष से बढ़ाकर 2 वर्ष किया जाए, जिससे प्रशासनिक निरंतरता बनी रहे, अधिवक्ताओं के कल्याण संबंधी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके तथा दीर्घकालिक विकास योजनाएं सफलतापूर्वक पूरी की जा सकें।

बैठक में दिनांक 10.12.2020 को पंजाब भू-राजस्व अधिनियम की धारा 16 में किए गए संशोधन की भी कड़ी निंदा की गई। यह कहा गया कि उक्त संशोधन से राजस्व अधिकारियों की पुनरीक्षण एवं अपील संबंधी शक्तियाँ सीमित हो गई हैं, जिससे वादकारियों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, मामलों की लंबितता बढ़ी है और न्यायिक व्यवस्था कमजोर हुई है।

निर्णयों के बेहतर क्रियान्वयन एवं समन्वय के लिए पंजाब राज्य को छह जोनों में विभाजित किया गया —
ज़ोन–I: फाजिल्का, फरीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा
ज़ोन–II: पटियाला, मोहाली (एस.ए.एस. नगर), फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर
ज़ोन–III: संगरूर, मालेरकोटला, बरनाला, मानसा
ज़ोन–IV: लुधियाना, मोगा, फिरोजपुर
ज़ोन–V: जालंधर, कपूरथला, नवांशहर (एस.बी.एस. नगर), होशियारपुर
ज़ोन–VI: अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन, पठानकोट

यह भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पंजाब की सभी बार एसोसिएशनें उपरोक्त मुद्दों के समाधान हेतु मुख्यमंत्री, पंजाब तथा मुख्य न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से समयबद्ध वार्ता करेंगी। यदि उक्त मुद्दों का समाधान नहीं होता है, तो 28 अक्टूबर 2025 से राज्यव्यापी शांतिपूर्ण आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा।

बैठक का समापन इस निर्णय के साथ हुआ कि पारित प्रस्तावों की प्रतियाँ संबंधित अधिकारियों एवं संस्थाओं को शीघ्र भेजी जाएँगी ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

इस मौके पर जालंधर जिला बार एसोसिएशन के प्रधान आदित्य जैन, महासचिव रोहित गंभीर, राम छाबड़ा, साहिल मल्होत्रा, सूरज प्रताप, सोनालिका, मनिंदर सचदेवा, पारस चौधरी, नेहा अत्रि के अतिरिक्त फाजिल्का, फरीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा, पटियाला, मोहाली, श्री फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, संगरूर, मलेरकोटला, बरनाला, मानसा, लुधियाना, मोगा, फिरोजपुर, कपूरथला, नवांशहर, होशियारपुर, अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन , पठानकोट आदि बार एसोसिएशन के प्रधान व महासचिव सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

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