जालंधर : हंस राज महिला महाविद्यालय जालंधर कचरे को कम करने व कचरे को उपयोगी उत्पादों में परिवर्तित करने के लिए कार्यरत है। प्राचार्या प्रो. डॉ.  अजय सरीन जी ने बताया कि छात्राओं में वातावरण के प्रति रूचि को आगे बढ़ाने के लिए किए गए कुछ प्रयासों में शामिल है – वेस्ट व रिसाईक्लिंग यूनिट की स्थापना, कचरे के ढेर को कैंपस के इर्द-गिर्द ग्रीन बैल्ट में तब्दील करना, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, रेन वाटर हारवैस्टिंग, वर्मीकम्पोस्ट करना एवं सेनेटरी कचरे को कम करने के लिए वाशरूम में इंसीटनरेटर की स्थापना इत्यादि। इसके अतिरिक्त संस्था में वर्मीकम्पोसट तैयार करने, बायो कीटनाशकों, बायोफ्यिूल की तैयारी, आर्गेनिक रंग की तैयारी और अन्य को लिया गया है। हंस राज महिला महाविद्यालय के प्रांगण में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट वेस्ट को कुशलता से जैविक खाद में तब्दील कर रहा है। वर्मीकम्पोसट भी कालेज में मैस वेस्ट से तैयार किया जाता है और पोर्टेबल किचन गार्डन में प्रयोग होता है। एयर कंडीशनरों के गंदे पानी का इस्तेमाल मोपिंग, सफाई के उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है कालेज की बुटीक में पैदा हुए वेस्ट को पर्स, कपड़े और फैशनेबल उपकरणों को बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। प्लास्टिक का कूड़ा कर्कट रचनात्मक सजावटी टुकड़े बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, वेस्ट पेपर रीसाइक्लिंग यूनिट में तैयार रीसाईकल पेपर फाईलों, फोल्डरों, लिफाफों में बदला जाता है। यह गौरतलब है कि एच.एम.वी. जालंधर का इकलौता कालेज है जो भारत के सर्वोच्च स्वच्छ कालेजों में शामिल है। प्रिंसिपल प्रो. डॉ. अजय सरीन ने कहा कि कूड़े-कर्कट को घटाने व स्वच्छ भारत मिशन में योगदान देने के लिए रीसाइक्लिंग एक उत्तम ढंग है। उन्होंने कहा कि एच.एम.वी. पूरे जोश से नगर निगम जालंधर की मेरा वेस्ट मेरी जिम्मेवारी मुहिम में योगदान दे रहा है।

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