डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, जालंधर में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और कंप्यूटर एप्लीकेशन विभागों के नवप्रवेशित छात्रों के लिए छात्र प्रेरण कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित वक्ताओं, संकाय सदस्यों और छात्रों ने बौद्धिक रूप से प्रेरक वातावरण में भाग लिया।
कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. जगजीत मल्होत्रा ने छात्रों के लिए इंटरैक्टिव और ज्ञान-साझाकरण मंचों के आयोजन के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल न केवल उनके पेशेवर दृष्टिकोण को व्यापक बनाती है, बल्कि उनके व्यक्तिगत विकास को भी बढ़ावा देती है, जिससे प्रतिस्पर्धी माहौल में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक आत्मविश्वास और अनुकूलनशीलता का संचार होता है। डॉ. मल्होत्रा ने आगे कहा कि विशेषज्ञ दृष्टिकोणों के संपर्क से छात्रों को उद्योग और समाज की तेज़ी से बदलती माँगों के साथ अपने कौशल को संरेखित करने में मदद मिलती है, जिससे वे अपने करियर और व्यापक समुदाय दोनों में सार्थक योगदान दे पाते हैं।
पहले सत्र को प्रशंसित प्रबंधन विशेषज्ञ और प्रमाणित हैप्पीनेस एंड माइंडफुलनेस कोच डॉ. प्रिटी भल्ला ने संबोधित किया, जिन्होंने छात्रों को सकारात्मक मानसिकता विकसित करने और सीखने और पेशेवर जीवन दोनों के प्रति रचनात्मक, आत्म-चिंतनशील दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने शैक्षणिक उत्कृष्टता और व्यक्तिगत संतुष्टि के लिए आवश्यक उपकरणों के रूप में माइंडफुलनेस और भावनात्मक कल्याण के महत्व पर ज़ोर दिया। डॉ. भल्ला ने छात्रों को चुनौतियों को विकास के अवसर के रूप में स्वीकार करने और असफलताओं का सामना करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
दूसरे सत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षक श्री रोहन दत्ता ने व्यक्तित्व विकास, भावनात्मक प्रबंधन और स्वस्थ पारस्परिक संबंधों के निर्माण के महत्व पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की। उनके संबोधन में पेशेवर परिस्थितियों में प्रभावी आत्म-प्रस्तुति, लचीलेपन और व्यक्तिगत विकास के लिए व्यावहारिक रणनीतियों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने छात्रों से आत्म-जागरूकता की एक मज़बूत भावना विकसित करने और प्रतिस्पर्धी वातावरण में अपनी विशिष्ट शक्तियों का उपयोग करके आगे बढ़ने का आग्रह किया।
व्यवसाय प्रशासन विभाग के प्रमुख डॉ. अनिल सोनी ने वक्ताओं के बहुमूल्य योगदान की सराहना की और कहा कि इन सत्रों ने छात्रों को परिवर्तनकारी दृष्टिकोण प्रदान किए जो उन्हें शैक्षणिक और व्यावसायिक दोनों ही क्षेत्रों में सहायक होंगे। कंप्यूटर अनुप्रयोग विभाग के प्रमुख डॉ. विनय चोपड़ा ने भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की पहल न केवल छात्रों के क्षितिज को व्यापक बनाती है बल्कि संस्थान के भीतर समग्र विकास की संस्कृति को भी बढ़ावा देती है।
कार्यक्रम में डॉ. सुमन टंडन, डॉ. रितु सहगल और डॉ. मेघा मुंजाल शर्मा भी उपस्थित रहीं, जिनकी भागीदारी ने कार्यक्रम को और समृद्ध बनाया।
सेमिनार का समापन एक संवादात्मक प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक वक्ताओं से मार्गदर्शन और स्पष्टीकरण प्राप्त किया। कार्यक्रम की शानदार सफलता की सराहना की गई, जिसने सभी प्रतिभागियों पर एक अमिट छाप छोड़ी और मूल्य-आधारित शिक्षा के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए डेविएट की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
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