28 सितंबर () वे मुझे मार सकते है, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते… इन्हीं शब्दों के साथ डिप्स स्कूल
सूरानुस्सी के विद्यार्थियों ने शहीद भगत सिंह की जयंति पर उऩ्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की। स्कूल द्वारा इस मौके पर
फैंसी ड्रैस, पोस्टर मेकिंग और स्पीच प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया। शहीद भगत की वेशभूषा पहन कर
तैयार होकर पहुंचे बच्चों ने देशभक्ति, वीरता और बलिदान के प्रतीक भगत सिंह जी के जीवन पर प्रकाश डाला।
बच्चों ने उनके जन्म के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 28 सितंबर 1907 को हुआ था। वह एक क्रांतिकारी
स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अनेक स्वतंत्रता आदोंलनों में हिस्सा लिया और अंग्रोजों के खिलाफ पूरी हिम्मत के
साथ आवाज उठाई। आखिर में 23 साल की उम्र में उन्हें फांसी की सजा सुना दी गई।
भाषण प्रतियोगिता के दौरान बच्चों ने भगत सिंह के जीवन और उनके संदेश विचारों को अपने सहपाठियों के सांझा
किया। उन्होंने बताया कि वह हमेशा अपने समय का सद्पयोग करते। जेल में रहते हुए वह अपने दोस्तों से किताबें
मंगवाते और उनसे नोट्स बनाते जिन्हें ऐतिहासिक दस्तावेजों में शामिल किया गया है। आज वहीं नोट्स कई
युवाओं का मार्गदर्शन करते है।
प्रिंसिपल विनोद भाटिया ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि हमें जीवन में हमेशा उन शहीदों को नमन करना
चाहिए जिनकी कुर्बानी के कारण हम आज एक आजाद देश के निवासी है। जिस तरह से उन्होने पूरी निष्ठा के
साथ देश के प्रति अपने कर्तव्य को निभाया है उसी तरह हमें भी जीवन में अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए।
डिप्स चेन के एमडी सरदार तरविंदर सिंह और सीईओ मोनिका मंडोत्रा ने इस मौके पर सभी विद्यार्थियों को हमेशा
भगत सिंह के विचारों का सम्मान करने और उन्हें जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जिस
देश को आजाद करवाने के लिए भगत सिंह और उनके दोस्तों ने अपना जीवन कुर्बान कर दिया अब उसे तरक्की
की राह पर आगे ले जाने की जिम्मादारी सब विद्यार्थियों की है इसिलए हमेशा देश की भलाई और उन्नति के बारे
में सोचना चाहिए।

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