18 दिसंबर ( हरियाना ) :- डिप्स स्कूल हरियाना ने अपना वार्षिक उत्सव जोश और उत्साह के साथ धूमधाम से मनाया । बच्चों ने इस उत्सव में बढ़-चढ़ कर रूचि दिखाई। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत धुन के साथ की गई, जिसके लिए स्कूल के विद्यार्थियों ने बैंड बजाया। डिप्स चेन के कार्यकारिणी समिति के मैनेजिंग डायरेक्टर तरविंदर सिंह , चेयरपर्सन जसविंदर कौर , वाईस चेयरपर्सन प्रीतइंदर कौर , सीएओ रमनीक सिंह , सीएओ जशन सिंह , सीईओ मोनिका मंढोत्रा और डायरेक्टर स्कूल पियूष जैसवाल का सभागार में पहुंचते ही डिप्स स्कूल हरियाना की प्रिंसिपल मोनिका सचदेवा ने स्वागत किया। इसके बाद मुख्य अतिथि और डिप्स चेन के कार्यकारिणी समिति ने दीप प्रज्वलित किया।
डिप्स स्कूल हरियाना प्रिंसिपल मोनिका सचदेवा ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत कर कहा कि वार्षिकोत्सव का उद्देश्य विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा, प्रदर्शन, आत्माभिव्यक्ति और दायित्व की भावना को बहिमुखी होकर विकसित करने का अवसर मिलता है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रारंभ सरस्वती वंदना के साथ हुआ। रंग बिरंगे परिधानों में सजे नन्हे-नन्हे बच्चों ने अपनी मोहक प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने एक से बढकऱ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिसमें नृत्य, गीत, संगीत, नाटक एवं सामाजिक परिवेश को छूते विषय सम्मिलित थे। सभी ने इस आयोजन की प्रशंसा की। उपस्थितजन तालियों की गडगड़़ाहट ने छात्र छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। अंत में प्रिंसिपल मोनिका सचदेवा ने सभी का आभार व्यक्त किया। शिक्षा और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को इस मौके पर सम्मानित भी किया गया। सम्मान समारोह में उन्हें ट्राफियां व सर्टिफिकेट दिए गए।
डिप्स चेन के मैनेजिंग डायरेक्टर तरविंदर सिंह ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उनका शैक्षणिक मार्गदर्शन किया और कहा अच्छी शिक्षा एवं संस्कार ही जीवन को एक नया रुप देते हैं। हमें समाज को शिक्षित एवं संस्कारित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवारों के बढ़ने के साथ-साथ उनकी युवा पीढ़ी को संस्कारित एवं सकारात्मक मार्ग दर्शन की आवश्यकता है। कार्यक्रमों से छात्रों में छिपी हुई प्रतिभा को निखारना आसान होता है।
डिप्स चेन के सीएओ रमनीक सिंह और सीईओ मोनिका मंढोत्रा ने कहा की इस दिन हम अपनी शैक्षणिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों का उत्सव मनाते हैं, जो हमें गर्व का अनुभव कराता है। यह हमारे अंदर छिपी हुई प्रतिभाओं को सामने लाने का अवसर प्रदान करता है, जिससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है और हम अपनी क्षमताओं को पहचान पाते हैं। उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा केवल शैक्षिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। बच्चों में मूल्यों, आलोचनात्मक सोच और सहनशक्ति का संचार करें, ताकि वे जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
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