जालंधर : डीएवी कॉलेज के फिजिक्स विभाग द्वारा डीबीटी स्टार कॉलेज स्कीम के अंतर्गत “अनुसंधान पद्धति के नए रुझानों पर” पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर डी.पी. सिंह (अध्य्क्ष, भौतिकी विभाग जीएनडीयू अमृतसर), प्रोफेसर एस.के. त्रिपाठी (भौतिकी विभाग, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़), प्रो के.के. सिंह (थापर विश्वविद्यालय, पटियाला) पहुंचे। इस सेमिनार में 200 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया।
सभी मुख्यवक्ताओं का स्वागत प्रिंसिपल डा. एस. के. अरोड़ा एवम विभागाध्यक्ष प्रो. कुंवर राजीव द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट करके किया गया। सेमिनार की शुरुआत में ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा. रविन्द्र कौर ने आए हुए सभी महानुभावों एवम विद्यार्थियों का स्वागत किया। एवम सभी का मुख्यवक्ताओं से परिचय करवाया।
इस मौके पर प्रिंसिपल डा. एस. के. अरोड़ा ने कहा कि फिजिक्स विभाग एक दूरदर्शी विभाग है। इस विभाग द्वारा समय समय पर अपने विद्यार्थियों के लिए वर्कशॉप एवम सेमिनारों का आयोजन करवाया जाता है। आज का यह सेमिनार फिजिक्स में अनुसंधान पद्धति के नए रुझानों बारे जानकारी देगा। उन्होंने कहा कि आज विज्ञान के युग में हर किसी को किताबी ज्ञान के इलावा उसका प्रैक्टिकल ज्ञान होना भी आवश्यक है, तभी इंसान कामयाब हो सकता है। और ऐसे सेमिनार आपको प्रैक्टिकली मजबूत करते हैं। इसके लिए उन्होंने फिजिक्स विभाग की प्रशन्सा भी की।
इस सेमिनार के पहले वक्ता थे प्रोफेसर डी.पी. सिंह (अध्य्क्ष, भौतिकी विभाग जीएनडीयू अमृतसर)। उनकी बात “इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन और मैटर के साथ इंटरेक्शन” पर थी। उन्होंने ई.एम. स्पेक्ट्रम और मैटर के इंटरेक्शन के परिणामस्वरूप होने वाली सभी प्रक्रियाओं को समझाया। उन्होंने दैनिक जीवन से उदाहरणों के साथ इन अंतःक्रियाओं को भी जोड़ा। उन्होंने अपनी हर बात बेहद संवादात्मक और प्रभावी तरीके से विद्यार्थियों को समझाई।
दूसरे वक्ता प्रोफेसर एस.के. त्रिपाठी (भौतिकी विभाग, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़) थे। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने सेमीकंडुक्टर्स, बुनियादी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से परिचय के साथ शुरू किया। उसके बाद उन्होंने विकास तकनीकों, लिथोग्राफी और एचिंग के बारे बात की। अंत में उन्होंने अपने लैब में बनाए गए उपकरण के बारे में बताया।
तीसरे वक्ता थापर विश्वविद्यालय, पटियाला से प्रो के.के. सिंह थे। उनका विषय एक्स रे और एक्सरे डिफ्रेक्शन विधि का एक शक्तिशाली अनुसंधान उपकरण के रूप में प्रयोग पर थी। उन्होंने क्रिस्टलोग्राफी के मूल परिचय के साथ शुरुआत की। विभिन्न प्रकार के मैटर के एक्स रे पैटर्न जैसे अमोरफस, एकल क्रिस्टल, पॉलीक्रिस्टलाइन और नैनो सामग्री के बारे बात की गई। अंत में एक्स रे पैटर्न से इंफेक्शन प्राप्त करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
अंत में विभागाध्यक्ष प्रो. कुंवर राजीव ने अपना कीमती समय एवम ज्ञान देने के लिए वक्ताओं का धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज उनके द्वारा दिया गया ज्ञान सभी विद्यार्थियों के बहुत अमूल्य था। उन्होंने कहा कि हम आगे भी प्रयत्न करते रहेंगे की विद्यार्थियों के लिए भविष्य में ऐसे सेमिनार एवम वर्कशॉप का आयोजन करवाते रहें। ताकि उनके ज्ञान में वृद्धि हो।
इस दौरान फ़िजिक्स विभाग के सभी प्रोफेसर, लैब स्टाफ एवम विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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