डीएवी कॉलेज, जालंधर के पंजाबी के स्नातकोत्तर विभाग की डॉ.

गुरजीत कौर ने कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एस.के. अरोड़ा को अपनी
पुस्तक भेंट की। डॉ. गुरजीत कौर नाटक के क्षेत्र में लगातार
योगदान दे रही हैं। इस पुस्तक में डॉ. गुरजीत कौर नारी चिंतन
के तीन चरणों का वर्णन करती हैं। नारी संवेदना, नारी चेतना
और नारीवाद के तीन चरणों को समझने के लिए, उन्होंने अपनी
पुस्तक का नाम समकली पंजाबी नाटक दे नारी सरोकार रखा
है। उसने इन तीन चरणों में महिलाओं की चिंताओं की पहचान
की है। डॉ. गुरजीत ने अपनी अंतर्दृष्टि और आलोचनात्मक दृष्टि
के माध्यम से महिलाओं की बदलती स्थिति और उनके अस्तित्व
का आकलन किया है। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. एस. के. अरोड़ा
ने बधाई देते हुए कहा कि डॉ. गुरजीत कौर एक बहुत मेहनती
प्रोफेसर हैं, जो लगातार नाटक जैसी कठिन शैली पर काम कर

रही हैं। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में भी वह नाटक समीक्षा
और नाटक अनुसंधान के क्षेत्र में कड़ी मेहनत करती रहेंगी और
अपनी विशिष्टता साबित करेंगी। इस अवसर पर वाइस प्रिंसिपल
राजीव शर्मा, स्टाफ सचिव प्रो. विपिन झांजी और प्रो. एस. के.
मिड्ढा वहाँ उपस्थित थे।

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