डीएवी कॉलेज जालंधर ने डार्विन जूलॉजिकल सोसायटी, पी.जी. डिपार्टमेंट ऑफ जूलॉजी के तत्वावधान में डी.बी.टी., भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित “मत्स्य पालन: उद्यमिता और पोषण” विषय पर एक संवादात्मक व्याख्यान का आयोजन किया।
इस व्याख्यान में जी.ए.डी.वी.ए.एस.यू., लुधियाना के वैज्ञानिक डॉ. विजय रेड्डी ने बतौर मुख्य वक्ता मछली और जलीय पालन को एक पेशे के रूप में अपनाने का आग्रह किया, जिसमें युवा उभरते हुए प्राणी विज्ञानियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अपने व्याख्यान में उन्होंने न केवल भोजन के रूप में उपयोग की जाने वाली मछली जीवों की विविधता पर चर्चा की, बल्कि उनके पोषक मूल्यों पर भी चर्चा की। अपने व्याख्यान में उन्होंने बताया कि कैसे मछली के प्रत्येक भाग का उपयोग किसी न किसी तरह से मनुष्यों और मुर्गी/सूअर पालन आदि के लिए भोजन, खनिज पूरक के रूप में किया जा सकता है। मत्स्य पालन के आर्थिक पहलू पर चर्चा करते हुए पंजाब और पूरे भारत के संबंध में बाजार में उनके संभावित खरीदारों पर भी चर्चा की गई। विद्यार्थियों ने अपनी शंकाओं का समाधान प्रश्न पूछकर किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार, जूलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. पुनीत पुरी, प्रो. पूजा शर्मा, डॉ. दीपक वधावन, डॉ. कपिला महाजन, डॉ. अभिनय ठाकुर, प्रो. पंकज बग्गा, प्रो. दिव्या फ्रांसिस भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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