डीएवी कॉलेज, जालंधर में गणित विभाग ने क्या प्रौद्योगिकी ने पारंपरिक गणित कौशल को अप्रचलित
बना दिया है?; शीर्षक पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की। डीबीटी द्वारा प्रायोजित इस पहल ने
भविष्य के गणितज्ञों और पेशेवरों को आकार देने में पारंपरिक गणितीय कौशल के साथ प्रौद्योगिकी को
एकीकृत करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
प्राचार्य डॉ राजेश कुमार ने छात्रों के साथ बातचीत करते हुए उन्हें आधुनिक शिक्षा में प्रौद्योगिकी की
भूमिका के बारे में गंभीरता से सोचने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ एस के तुली, उप प्राचार्य, विभागाध्यक्ष,
गणित ने छात्रों को प्रेरित किया और महान गणितज्ञ शकुंतला देवी की उपलब्धियों के बारे में बात की।
उन्होंने प्रतिभागियों को अपने शैक्षणिक प्रयासों में उच्च लक्ष्य रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आगे
कहा कि पारंपरिक गणित कौशल को आधुनिक तकनीक के साथ संतुलित करके शिक्षक छात्रों को व्यापक
गणित शिक्षा प्रदान कर सकते हैं।
डॉ. पी.के. शर्मा, प्रो. मोनीश अरोड़ा और डॉ. सीमा शर्मा सहित प्रतिष्ठित जजों के एक पैनल ने प्रतिभागियों
की प्रस्तुतियों का मूल्यांकन किया। विजेताओं में अक्षित ने प्रथम, तानिया ने द्वितीय, सुखप्रीत ने
तृतीय तथा वंश ने प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त किया।
बंसी लाल मैथमेटिकल सोसाइटी (बीएलएमएस) की अध्यक्ष प्रो रंजीता गुगलानी ने सफलतापूर्वक मंच का
संचालन किया। डीबीटी समन्वयक डॉ. आशु बहल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रो. साहिल नागपाल और
प्रो. जसमीन कौर ने कार्यक्रम संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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