कन्या महा विद्यालय (स्वायत्त) ने डीएसटी द्वारा प्रायोजित इंस्पायर इंटर्नशिप कैंप के समापन सत्र का आयोजन किया। इस पांच दिवसीय कैंप में रोचक व्याख्यान, व्यावहारिक कार्यशालाएं और सीखने का जीवंत माहौल देखने को मिला। समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रो. डॉ. अतीमा शर्मा द्विवेदी ने ऐसे प्रयासों के महत्व को समझाया, जो वैज्ञानिक साक्षरता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने छात्रों को बड़े लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि डीएसटी इंस्पायर कैंप ने न केवल वैज्ञानिक अवधारणाओं से जुड़ने का एक मंच प्रदान किया, बल्कि छात्रों की शैक्षणिक यात्रा को प्रभावित करने वाली प्रेरणा और जिज्ञासा भी जगाई। पांचवें दिन का मुख्य आकर्षण सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक), पुणे के डॉ. योगेश कुमार सिंह का उपग्रह संचार पर एक सूचनात्मक व्याख्यान था। डॉ. योगेश सिंह ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से उपग्रह संचार की आधुनिक तकनीक और दैनिक जीवन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझाते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी विशेषज्ञता ने उपग्रह प्रणालियों की जटिलताओं को उजागर किया, जिससे कई छात्रों ने इस रोमांचक क्षेत्र में करियर बनाने पर विचार किया। उनके प्रेरक वक्तव्य और गहन ज्ञान ने प्रतिभागियों के मन में उपग्रह तकनीक के प्रति जिज्ञासा जगा दी। इस व्याख्यान के साथ ही प्रो. जसविंदर सिंह और डॉ. सर्मिष्ठा साहू ने ‘जस्विन्स लैब ऑन व्हील्स’ और ‘कंस्ट्रक्टिविज्म लर्निंग’ नामक एक प्रयोगात्मक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें बुनियादी भौतिकी अवधारणाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। उनकी अभिनव शिक्षण विधियों ने जटिल सिद्धांतों को सरल बनाते हुए छात्रों को व्यावहारिक प्रदर्शनों के माध्यम से समझने में मदद की। छात्रों ने उत्साहपूर्वक प्रयोगों में भाग लिया, जिससे उनकी समझ और विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ी। दोनों प्रोफेसरों ने आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित किया और नए विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित किया, जिससे अन्वेषण और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा मिला। कैंप के दौरान, पी.जी. भौतिकी विभाग और जूलॉजी विभाग ने क्रमशः लेप्टॉन कार्यक्रम और नवाचारी लेखन कार्यशाला का आयोजन किया। इन पहलों ने छात्रों को बुनियादी विज्ञान अवधारणाओं से जुड़ने के लिए व्यावहारिक प्रयोगों और रचनात्मक लेखन के माध्यम से इंटरएक्टिव प्लेटफार्म प्रदान किया। प्राचार्या महोदया ने आयोजन टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि व्यावहारिक ज्ञान सैद्धांतिक अध्ययन को और समृद्ध बनाता है। समापन के अवसर पर कैंप में भाग लेने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनकी समर्पण भावना को सराहा गया। प्रो. द्विवेदी ने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कार्यक्रम का समापन किया और इस विश्वास को दोहराया कि ऐसे अनुभव छात्रों की शैक्षणिक और व्यावसायिक यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वोट आफ थैंक्स इंस्पायर कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. नीतू वर्मा ने प्रस्तुत किया। प्राचार्या महोदया ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार को उनके वित्तीय सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया, जिससे वैज्ञानिक साक्षरता और नवाचार को बढ़ावा देने वाली शैक्षणिक पहलों को सफलतापूर्वक संचालित किया जा सका।
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